वाराणसी में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा

वाराणसी में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा

वाराणसी में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के जुर्म में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा
Modified Date: December 15, 2025 / 09:50 pm IST
Published Date: December 15, 2025 9:50 pm IST

वाराणसी (उप्र), 15 दिसंबर (भाषा) वाराणसी जिले की एक विशेष अदालत ने 13 वर्षीय नाबालिग बच्ची को बहला-फुसला कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उसपर एक लाख 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। एक अधिवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।

विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो संदीप कुमार जायसवाल ने बताया कि वाराणसी के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम (तृतीय) विनोद कुमार की अदालत ने नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में लंका थाना क्षेत्र निवासी अभियुक्त श्याम विशाल सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उसपर एक लाख 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने जुर्माने की समस्त धनराशि पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।

वादी के अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव और दीपक विश्वकर्मा के अनुसार पीड़िता की मां अपने पति तथा दो लड़के एवं दो लड़कियों के साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एनसीसी के सर्वेंट क्वार्टर में रहती है तथा विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के यहां घरेलू सहायिका का काम करती है। जब उसकी 13 वर्षीय बड़ी लड़की कक्षा पांचवी की छात्रा थी, तभी सुसुवाही निवासी श्‍याम विशाल सिंह उसकी पुत्री से प्यार-मोहब्बत का नाटक करते हुए उसका शारीरिक शोषण करने लगा। करीब एक वर्ष के अंदर ही छठी कक्षा की यह लड़की गर्भवती हो गयी। इसके बाद आरोपी वर्ष 2011 में उसको बहला-फुसलाकर भगा ले गया।

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अगली सुबह, एक आदमी ने लड़की के माता-पिता को बताया कि उनकी बेटी सुसुवाही में उसके घर में बंद है। परिवार ने रिश्तेदारों के साथ मिलकर लड़की को बचाया, जो डरी हुई और परेशान लग रही थी।

बाद में, समझाने-बुझाने पर लड़की ने बताया कि सिंह एक साल से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। इस संबंध में परिवार वालों ने लंका थाने में संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई और पुलिस ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने सुनवाई पूरी कर आरोपी को दोषसिद्ध करार देकर सजा सुनाई।

भाषा सं आनन्द

राजकुमार

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