रायपुर। महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज 100वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नमन कर उनके महान कार्यों को याद किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी 100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है।
Read More News : उरी सर्जिकल स्ट्राइक का अनदेखा पहलू जो अब आया सामने
प्रधानमंत्री मोदी ने पुण्यतिथि के मौके पर सोशल मीडिया के जरिए लगभग साढ़े तीन मिनट की एक वीडियो पोस्ट की है। इस पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा- आज के दिन सभी लोकमान्य तिलक को नमन करते हैं और उनके साहस, वीरता और स्वराज के सपने को याद करते हैं। यहां आप पीएम मोदी की ओर से जारी वीडियो देख सकते हैं…
Read More News :अमेरिका में भी Tik Tok बैन, ट्रंप ने कहा- एप के जरिए जासूसी कर रहा था चीन
स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को याद कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि तिलक ने सबसे पहले पूर्ण स्वराज की मांग उठाई। उन्होंने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है‘ का प्रेरणादायक उद्घोष किया। इससे जन-जन में देश की स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता का संचार हुआ। जनता को देश प्रेम एवं अन्याय के विरूद्ध संगठित करने के लिए उन्होंने सार्वजनिक गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव की शुरूआत की। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका यह योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
India bows to Lokmanya Tilak on his 100th Punya Tithi.
His intellect, courage, sense of justice and idea of Swaraj continue to inspire.
Here are some facets of Lokmanya Tilak’s life… pic.twitter.com/9RzKkKxkpP
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
Read More News :उमा भारती को भूमि पूजन में शामिल होने मिला न्योता, राम मंदिर आंदोलन में ऐसे दिया था पुलिस को चकमा, सिर मुंडवा कर पहुंच गई थी अयोध्या
महात्मा गांधी ने कहा था -आधुनिक भारत का निर्माता
एक अगस्त 1920 को बाल गंगाधर तिलक की मुंबई में मृत्यु हो गई और उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें भारतीय क्रांति का जनक कहा था।
Read More News: रिया चक्रवर्ती को इस मंत्री ने बताया ‘विषकन्या’, सुशांत सुसाइड केस की सीबीआई जांच कराने की मांग
बाल गंगाधर तिलक एक राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक और वकील थे। वो अंग्रेजी शिक्षा के घोर आलोचक थे, वो मानते थे कि अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सभ्यता का अनादर करती है। पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज की मांग उठाई।
Read More News: छत्तीसगढ़ में इस तारीख से शुरु होगी हाईकोर्ट में सुनवाई, रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश
इसके अलावा लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजी भाषा में मराठा दर्पण और मराठी भाषा में केसरी दो दैनिक समाचार पत्र शुरू किए। केसरी में छपने वाले उनके लेखों की वजह से उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा था। बाल गंगाधर तिलक अपने पत्रों के माध्यम से अंग्रेजी हुकुमत की काफी आलोचना करते थे।
Read More News: देशभर में मनाया जा रहा है बकरीद का त्योहार, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा करने की अपील