इतिहास में आज.. 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस.. जानें पूरा इतिहास

इतिहास में आज.. 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस.. जानें पूरा इतिहास

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  • Publish Date - May 1, 2021 / 12:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

रायपुर। हर साल आज के दिन यानी 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे श्रम दिवस, श्रमिक दिवस या मई दिवस भी कहा जाता है। मजदूर दिवस के दिन इनके हक और समाज में इनकी भागीदारी पर बात की जाती है। लेबर डे के दिन दुनिया भर में मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई जाती है। सेमिनार और कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये दिन पूरी तरह मजदूरों को समर्पित है। 1 मई को 80 से ज्यादा देशों में राष्ट्रीय छुट्टी दी जाती है। मजदूर दिवस या मई डे को पहली बार 1 मई को 1886 में मनाया गया था। भारत में श्रमिक दिवस पहली बार 1 मई 1923 को मनाया गया था।

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दिवस या मई दिन मनाने की शुरूआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी। साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की अपनी मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया, जिसके बाद एक मई 1886 को पूरे अमेरिका में लाखों मजदूरों ने एकजुट होकर इस मुद्दे को लेकर हड़ताल की। इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए।

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भारत में एक मई का दिवस सब से पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर प्रामाणित कर लिया गया था। इस की शुरूआत भारती मज़दूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने शुरू की थी। भारत में मद्रास के हाईकोर्ट सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया और एक संकल्प के पास करके यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी कामगार दिवस के तौर पर मनाया जाये और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाये।

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भारत समेत लगभग 80 मुल्कों में यह दिवस पहली मई को मनाया जाता है। इसके पीछे तर्क है कि यह दिन अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के तौर पर प्रामाणित हो चुका है।