बड़ी खबर: एक दिन में महिला समेत 12 कैदियों को दी गई फांसी, दो साल में 560 को सजा-ए-मौत

12 prisoners hanged in one day: ईरान में एक साथ 12 अपराधियों को सजा-ए-मौत देने के लिए यहां की सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। सभी 12 अपराधियों को सिस्‍तान-बलूचिस्‍तान प्रांत में स्थित मुख्‍य जेल जाहेदान में फांसी दी गई। ईरान का यह प्रांत अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान की सीमा से सटा हुआ है।

बड़ी खबर: एक दिन में महिला समेत 12 कैदियों को दी गई फांसी, दो साल में 560 को सजा-ए-मौत

12 prisoners hanged in one day

Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 pm IST
Published Date: June 9, 2022 2:54 pm IST

12 prisoners hanged in one day: तेहरान। ईरान में एक ही दिन में 12 कैदियों को फांसी दी गई है, इन 12 कैदियों में 11 पुरुष और 1 महिला कैदी शामिल हैं, ये सभी बलूचिस्तान के रहने वाले थे और सुन्‍नी समुदाय से ताल्‍लुक रखते थे। इन सभी पर ड्रग्‍स की तस्‍करी या फिर हत्‍या करने का आरोप थे। ईरान में लगातार दी जा रही फांसी से मानवाधिकार संगठनों की चिंता जाहिर की है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

सभी 12 अपराधियों को सिस्‍तान-बलूचिस्‍तान प्रांत में स्थित मुख्‍य जेल जाहेदान में फांसी दी गई, ईरान का यह प्रांत अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान की सीमा से लगा हुआ है। नार्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स ने यह जानकारी दी है। इन 12 लोगों में से 6 को ड्रग्‍स से जुड़े आरोपों में फांसी की सजा दी गई है। अन्य 6 लोगों को हत्‍या करने के आरोप में फांसी दी गई है।

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12 prisoners hanged in one day
सरकार की हो रही आलोचना

एक साथ 12 अपराधियों को सजा-ए-मौत देने के लिए सरकार के फैसले की की तीखी आलोचना हो रही है। सरकार पर आरोप है कि पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्‍या में अल्‍पसंख्‍यक सुन्‍नी समुदाय के लोगों को फांसी की सजा दी जा रही है। ईरान में अधिकांश लोग शिया धर्म के हैं।

ईरान ह्यूमन राइट्स के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ईरान में जातीय और धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाया जा रहा है, इसमें खासतौर पर कुर्द, बलूच और अरब शामिल हैं। संगठन के मुताबिक, साल 2021 में ईरान में दी गई कुल फांसी में 21 फीसदी लोग बलूच लोग थे, जबकि ईरान की कुल पॉपुलेशन में सिर्फ 2-6 प्रतिशत लोग ही बलूच हैं।

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दो साल में 560 लोगों को सजा

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मौत की सजा देने वाले देशों में ईरान सबसे आगे है। साल 2021 में 314 लोगों को मौत की सजा दी गई, यह साल 2020 की तुलना में 25 फीसदी ज्‍यादा है। 2020 में 246 लोगों को मौत की सजा दी गई थी। इसतरह दो साल में 560 लोगों को फंदे पर लटकाया जा चुका है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com