ब्रिटेन में एक मरीज 505 दिनों तक कोरोना वायरस से संक्रमित रहा |

ब्रिटेन में एक मरीज 505 दिनों तक कोरोना वायरस से संक्रमित रहा

ब्रिटेन में एक मरीज 505 दिनों तक कोरोना वायरस से संक्रमित रहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : April 22, 2022/8:58 am IST

लंदन, 22 अप्रैल (एपी) ब्रिटेन में बेहद कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला एक मरीज लगभग डेढ़ साल तक कोरोना वायरस से संक्रमित रहा था। वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है।

अभी यह कहा नहीं जा सकता है कि क्या यह सबसे लंबे वक्त तक कोविड-19 से संक्रमित रहने का मामला है क्योंकि सभी लोगों के संक्रमण की जांच नहीं की गई।

गायज एंड सेंट थॉमस के एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ल्यूक ब्लैगडन स्नेल ने कहा कि लेकिन 505 दिन होने पर ‘‘यह निश्चित तौर पर सबसे लंबे समय तक संक्रमण का मामला लगता है।’’

स्नेल के दल की इस सप्ताहांत पुर्तगाल में संक्रामक रोगों की बैठक में कोविड-19 से लगातार संक्रमित रहे कई मामलों को पेश करने की योजना है।

उनके अध्ययन में यह पता लगाया गया है कि लंबे समय तक संक्रमित रहे मरीजों में कौन से उत्परिवर्तन (म्यूटेशंस) होते हैं और क्या संक्रमण के नये प्रकार पैदा होते हैं। इसमें कम से कम आठ सप्ताह तक संक्रमित पाए गए नौ मरीजों को शामिल किया गया है।

सभी में अंग प्रत्यारोपण, एचआईवी, कैंसर या अन्य बीमारियों के इलाज के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली थी। बार-बार जांच से पता चला कि वे औसतन 73 दिनों तक संक्रमित रहे। दो मरीजों को एक साल से भी अधिक वक्त तक कोरोना वायरस रहा।

इससे पहले अनुसंधानकर्ताओं ने कहा था कि पहले 335 दिनों तक संक्रमण रहने का मामला सामने आया था। लगातार कोविड-19 से संक्रमित रहना दुर्लभ और लंबे समय तक कोरोना वायरस से अलग है।

स्नेल ने कहा, ‘‘लंबे समय तक कोविड में आमतौर पर यह माना जाता है कि वायरस आपके शरीर से निकल गया है लेकिन उसके लक्षण अभी बने हुए हैं। लगातार संक्रमण में वायरस शरीर में बना रहता है।’’

जो व्यक्ति सबसे लंबे समय तक संक्रमित पाया गया है, वह 2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और उसका वायरल रोधी दवा रेमेडेसिविर से इलाज किया गया, लेकिन 2021 में उसकी मौत हो गयी।

अनुसंधानकर्ताओं ने मौत की वजह बताने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मरीज को कई अन्य बीमारियां थीं। पांच मरीज बच गए। दो बिना इलाज के ही संक्रमण से ठीक हो गए, दो इलाज के बाद संक्रमण से उबरे तथा एक अब भी संक्रमित है।

एपी

गोला संतोष

संतोष

 

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