मूसल में इराक सेना के मुताबिक ISIS ने अल-नूरी मस्जिद को उड़ा दिया है. यह वही मस्जिद है जहाँ से आईएस के नेता अबू बक्र अल-बग़दादी ने 2014 में “ख़िलाफ़त” की घोषणा की थी. हालांकि आईएस ने दावा किया है कि ये मस्जिद एक अमरीकी लड़ाकू विमान के हमले में नष्ट हुई. मगर अमरीकी सेना ने इससे इनकार किया है.
इस जगह के ऊपर से ली गई एरियल तस्वीरों से पता चलता है कि मस्जिद परिसर का ज़्यादातर हिस्सा नष्ट हो गया है. इराक़ ने शुरू की मोसुल को वापस हासिल करने की कोशिशें. प्रतीकात्मक रूप से इस मस्जिद का महत्व आईएस और उसके ख़िलाफ़ लड़ रहे पक्ष दोनों के लिए है.
आईएस नेता अबु बकर अल-बग़दादी ने 2014 के जुलाई महीने में यहीं पर एक सभा कर नया इस्लामिक राज स्थापित करने की घोषणा की थी. इस घोषणा के आठ हफ़्ते बाद ही मूसल शहर पर अबु के लड़ाकों ने कब्ज़ा कर लिया था. 1172 में मूसल और अलेपो के तुर्क शासक नूर अल-दीन महमूद ज़ांगी ने इस मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया था.
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