अल्जीरिया की संसद ने फ्रांस के औपनिवेशिक शासन को अपराधिक कृत्य घोषित किया, मुआवजे की मांग

अल्जीरिया की संसद ने फ्रांस के औपनिवेशिक शासन को अपराधिक कृत्य घोषित किया, मुआवजे की मांग

अल्जीरिया की संसद ने फ्रांस के औपनिवेशिक शासन को अपराधिक कृत्य घोषित किया, मुआवजे की मांग
Modified Date: December 25, 2025 / 05:22 pm IST
Published Date: December 25, 2025 5:22 pm IST

अल्जीयर्स, 25 दिसंबर (एपी) उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया की संसद ने उस कानून को मंजूरी दे दी है जिसमें देश पर फ्रांस के औपनिवेशिक शासन को अपराधिक कृत्य घोषित करने के प्रावधान के साथ-साथ ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने और यूरोपीय देश के 130 वर्ष के शासन के दौरान ले जाई गई संपत्ति को वापस करने की मांग की गई है।

फ्रांस ने इस कानून की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘‘शत्रुतापूर्ण कृत्य’’ करार दिया है। यूरोपीय देश ने कहा कि यह अतीत के घावों को भरने के द्विपक्षीय प्रयासों के लिए खतरा है। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं, लेकिन राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हैं।

सांकेतिक महत्व के सत्र में अल्जीरिया की 407 सदस्यीय नेशनल असेंबली ने बुधवार देर रात 340 सदस्यों के प्रचंड समर्थन से कानून को मंजूरी दी। यह कदम अफ्रीकी देशों द्वारा औपनिवेशिक काल के अपराधों के लिए मान्यता और मुआवजे हेतु सामूहिक प्रस्ताव पारित करने के कुछ ही हफ्तों बाद उठाया गया है।

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यह कानून 1830 में अल्जीयर्स के पश्चिम में सिदी फेरुच के समुद्र तटों पर फ्रांसीसी राजा चार्ल्स एक्स की सेना के उतरने से लेकर पांच जुलाई, 1962 तक की अवधि कालखंड को समाहित करता है, जो अल्जीरिया की आधिकारिक स्वतंत्रता की तारीख है।

इस कानून में औपनिवेशिक काल के दौरान फ्रांस ले जाए गए अल्जीरियाई अभिलेखागारों और संपत्तियों की वापसी का प्रावधान है, साथ ही 1960 से 1966 तक अल्जीरिया में किए गए फ्रांसीसी परमाणु परीक्षणों के विस्तृत मानचित्रों को अल्जीयर्स को भेजने का भी प्रावधान है। इसमें फ्रांस ले जाए गए कुछ अल्जीरियाई स्वतंत्रता सेनानियों के अवशेषों की वापसी का भी आह्वान किया गया है।

इस कानून में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद का जश्न मनाने वाले किसी भी अल्जीरियाई व्यक्ति के लिए कारावास की सजा का प्रावधान है।

फ्रांस द्वारा हालांकि कानून में निहित मांगों को पूरा किये जाने की संभावना नहीं है।

फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कार्यालय ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को दिए एक बयान में कहा कि यह कानून ‘‘स्पष्ट रूप से शत्रुतापूर्ण पहल’’ है।

एपी धीरज मनीषा

मनीषा


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