कैनबरा, तीन नवंबर (एपी) ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज चीन की तीन दिवसीय यात्रा करेंगे और वह पिछले सात वर्ष में ऐसा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे जो यह दिखाता है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है।
व्यापार और सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के बीच काफी मतभेद रहे हैं जो अभी तक हल नहीं हुए हैं।
नौ साल तक कंजर्वेटिव पार्टी के शासन के बाद पिछले साल अल्बनीज की मध्य-वामपंथी सरकार ने तनाव कम करने की कोशिशें शुरू की। उनकी तीन दिवसीय यात्रा शनिवार को शुरू होगी जिसमें वह शंघाई और बीजिंग जाएंगे। बहरहाल, उनके यात्रा कार्यक्रम के बारे में अभी बहुत सीमित जानकारी उपलब्ध है।
चीन के नेता शी चिनफिंग ने 2016 में छह महीने में दो बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी लेकिन उसके बाद से चीन ने शीर्ष मंत्री स्तरीय संपर्क तोड़ दिया था। ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों को 2020 से अब तक औपचारिक और अनौपचारिक व्यापार प्रतिबंधों के कारण 13 अरब डॉलर तक का नुकसान हुआ है।
कई लोगों का मानना है कि व्यापार बहिष्कार के कारण आर्थिक रूप से परेशानी में चल रहे चीन को भी नुकसान पहुंच रहा है जबकि ऑस्ट्रेलिया, बीजिंग की दबंगई के आगे झुकने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा।
अल्बनीज ने पिछले महीने इस यात्रा की घोषणा करते हुए पत्रकारों से कहा था, ‘‘चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना ऑस्ट्रेलिया के हित में है।’’
अल्बनीज की सरकार अमेरिका के साथ भी सुरक्षा संबंध मजबूत कर रही है।
बीजिंग के ‘रेनमिन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना’ में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर शी यिनहोंग ने कहा कि चीन ‘‘मोटे तौर पर निष्प्रभावी बहिष्कार’’ के बाद व्यापार संबंधों को सुधारना चाहता है।
अल्बनीज ने कहा कि उन्होंने अधिक स्थिर संबंध बनाने के लिए चीन को कोई रियायत नहीं दी है, लेकिन यात्रा की घोषणा से पहले अल्बनीज सरकार ने कहा कि वह डार्विन बंदरगाह की चीनी कंपनी के 99 साल के पट्टे को रद्द नहीं करेगी। अमेरिका ने चिंता जतायी है कि बंदरगाह पर किसी विदेशी के नियंत्रण से सैन्य बलों की जासूसी का खतरा है।
एपी गोला सिम्मी
सिम्मी