बाइडन-पुतिन की वार्ता से हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद

बाइडन-पुतिन की वार्ता से हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद

बाइडन-पुतिन की वार्ता से हथियार नियंत्रण के मुद्दे पर कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: June 13, 2021 2:32 pm IST

वाशिंगटन, 13 जून (एपी) अमेरिका-रूस के संबंधों में तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन के बीच बुधवार को आमने-सामने की बैठक से हथियार नियंत्रण पर कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद है।

हथियार समझौते को लेकर दोनों देश एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। हथियारों के नियंत्रण का ताना-बाना भयावह रहा है, विशेष रूप से 2019 में पहले अमेरिका और फिर रूस द्वारा – इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि से निकलने के कारण। इस समझौते ने तीन दशकों से अधिक समय तक मिसाइलों की एक समूची श्रेणी को नियंत्रित किया था। इसके बाद, डोनाल्ड ट्रंप का पूर्ववर्ती प्रशासन ‘ओपन स्काई’ संधि से भी बाहर हो गया। इस संधि के तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर टोही विमानों का परिचालन कर सकते थे।

बाइडन और पुतिन के पास अब विकल्प है कि हथियार नियंत्रण प्राथमिकताओं पर बातचीत को कैसे और कब फिर से शुरू किया जाए। वहीं, बाइडन को चीन की बढ़ती सैन्य ताकत और उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर कांग्रेस के दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है।

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रैंसमवेयर हमलों पर अमेरिका के बढ़ते फोकस, अमेरिकी चुनावों में कथित रूसी हस्तक्षेप, यूक्रेन की सीमा पर रूस की कार्रवाई और सोलरविंड्स हैकिंग अभियान जैसे मुद्दों के बीच हथियार नियंत्रण का मुद्दा बाइडन-पुतिन वार्ता में भारी पड़ सकता है। हथियार नियंत्रण के लिए अंतरराष्ट्रीय समूह रूस और अमेरिका पर नए सिरे से वार्ता शुरू करने पर जोर दे रहे हैं और सरकार स्तर पर चर्चा से राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर असहमति और तनाव के कई पहलुओं पर कुछ विकल्प खुलेगा। कुछ समूह ऐसी वार्ता में यूरोप को भी शामिल करने का आह्वान कर रहे हैं, क्योंकि बैठक में परमाणु हथियारों के अतिरिक्त साइबर जगत के खतरे, अंतरिक्ष अभियान और मिसाइल प्रतिरक्षा जैसे कई मुद्दे हें।

रूस और अमेरिका के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे रणनीतिक स्थिरता वार्ता को महत्वपूर्ण मानते हैं, जिसमें शायद हथियार नियंत्रण वार्ता नहीं होगी, बल्कि निचले स्तर पर चर्चाओं की शुरुआत होगी, जिसका उद्देश्य यह तय करना है कि अंतिम हथियार नियंत्रण एजेंडा को कैसे व्यवस्थित और प्राथमिकता दी जाए।

बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान ने पिछले सप्ताह कहा, ‘‘हमें आशा है कि दोनों राष्ट्रपति रणनीतिक स्थिरता पर अपनी-अपनी टीम को स्पष्ट संदेश देना चाहेंगे ताकि हम तनाव घटाने के लिए हथियार नियंत्रण और परमाणु क्षमता से जुड़े अन्य मुद्दों पर प्रगति कर सकें।’’

बाइडन ने यूरोप के अपने दौरे का पूर्वावलोकन करते हुए ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में लिखा, ‘‘हम एक स्थिर और अपेक्षित संबंध चाहते हैं, जहां हम रूस के साथ रणनीतिक स्थिरता और हथियार नियंत्रण जैसे मुद्दों पर बात कर सकें।’’ पुतिन ने भी कहा है कि वह ऐसी वार्ता के लिए तैयार हैं। बाइडन और पुतिन की अगले सप्ताह जिनेवा में एक शिखर सम्मेलन में मुलाकात होने वाली है।

एपी आशीष दिलीप

दिलीप


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