ढाका, तीन दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के मद्देनजर उनके उपचार में सहायता के लिए ब्रिटेन से चार सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सा दल बुधवार को यहां पहुंचा।
खालिदा जिया का यहां एक निजी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
समाचार पोर्टल ‘टीबीएसन्यूज डॉट नेट’ की खबर के अनुसार, डॉ. रिचर्ड ब्यूल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यहां पहुंचने के तुरंत बाद एवरकेयर अस्पताल में भर्ती ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया (80) के स्वास्थ्य की स्थिति की समीक्षा की।
खबर में अस्पताल के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ब्रिटेन के डॉक्टरों ने उनका इलाज कर रही स्थानीय मेडिकल टीम के साथ प्रारंभिक दौर की बातचीत भी की।
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस ने बीएनपी मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य शायरुल कबीर खान के हवाले से बताया कि ब्यूल सुबह ढाका पहुंचे।
खान ने उम्मीद जताई कि विदेशी चिकित्सा विशेषज्ञों के आगमन से जिया की चिकित्सा देखभाल में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज होगी।
स्थानीय दैनिक ‘प्रतिदिन’ के अनुसार, ‘किंग्स कॉलेज लंदन’ में इंटेंसिव केयर मेडिसिन के प्रोफेसर ब्यूल, ‘गायज एंड सेंट थॉमस एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट’ में इंटेंसिव केयर मेडिसिन के सलाहकार भी हैं।
चीनी विशेषज्ञों की एक और टीम आज शाम ढाका पहुंचेगी जबकि एक चीनी चिकित्सा दल सोमवार को ही यहां पहुंच चुका है और जिया के इलाज की निगरानी कर रहे ‘मेडिकल बोर्ड’ के साथ तालमेल कर रहा है।
मेडिकल बोर्ड का नेतृत्व प्रो. शहाबुद्दीन तालुकदार कर रहे हैं।
जिया के निजी चिकित्सक और बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य डॉ. ए.जेड.एम. जाहिद ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उनकी गंभीर स्थिति के बावजूद उनका उपचार जारी है।
उन्होंने फिर कहा कि इस समय पूर्व प्रधानमंत्री को विदेश ले जाने की कोई संभावना नहीं है।
खालिदा जिया को हृदय और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद 23 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वह तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
अस्पताल में भर्ती होने के चार दिन बाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने पर उन्हें ‘कोरोनरी केयर यूनिट’ (सीसीयू) में भर्ती किया गया।
बीएनपी के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद आजम खान ने बताया था कि जिया की हालत और बिगड़ने पर रविवार रात उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।
अस्पताल के आसपास मंगलवार तड़के सुरक्षा कड़ी कर दी गई।
भाषा यासिर पवनेश
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