चीन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी के लिए अपना गुप्त सैन्य परिसर खोला

चीन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी के लिए अपना गुप्त सैन्य परिसर खोला

चीन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी के लिए अपना गुप्त सैन्य परिसर खोला
Modified Date: September 15, 2025 / 09:47 pm IST
Published Date: September 15, 2025 9:47 pm IST

बीजिंग, 15 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को चीन में एक गुप्त सैन्य परिसर का दौरा कराया गया जहां उन्होंने संयुक्त रक्षा उत्पादन बढ़ाने की बात कही।

जरदारी इस विशाल परिसर का दौरा करने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के संवैधानिक प्रमुख की जिम्मेदारी भी संभालने वाले जरदारी ने रविवार को ‘एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना’ (एवीआईसी) का दौरा किया जहां उन्हें सबसे उन्नत सैन्य उपकरणों के बारे में जानकारी दी गई और इसमें विशेष रूप से नए लड़ाकू विमान भी शामिल थे।

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जरदारी के कार्यालय ने इस्लामाबाद में एक बयान में कहा कि उन्हें एवीआईसी की उन्नत क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें जे-10 लड़ाकू विमान, पाकिस्तान के साथ मिलकर बनाए जाने वाले जेएफ-17 थंडर समेत जे-20 विमान में प्रगति आदि शामिल है।

चीन की 10 दिवसीय यात्रा पर आए जरदारी को आधुनिक बहु-क्षेत्रीय अभियानों के लिए मानव रहित हवाई वाहनों, पूर्ण स्वचालित इकाइयों और एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण प्रणालियों के बारे में भी जानकारी दी गई।

चीन के विदेश मंत्रालय ने जरदारी के एवीआईसी दौरे और रक्षा उत्पादन पर चीन के साथ मजबूत सहयोग की उनकी बात को सोमवार को अधिक महत्व नहीं दिया।

इसके बजाय मंत्रालय ने वैश्विक सुरक्षा सहयोग (जीएसआई) के प्रति अपने समर्थन की बात कही, जो एक चीनी सुरक्षा संरचना है और उसे अमेरिका के वैश्विक प्रभुत्व के प्रतिकार के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

जरदारी की एवीआईसी यात्रा और हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर की बीजिंग यात्रा को व्यापक रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में 26लोगों की मौत के बाद भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

भाषा यासिर अविनाश

अविनाश


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