Death toll from Earthquake in Turkey, Syria rises to 9,500

OMG! करीब 10 हजार लोगों की मौत, सदी की दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी से त्राहि-त्राहि कर उठे दो देश

जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है। तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे।

Edited By :   Modified Date:  February 8, 2023 / 05:25 PM IST, Published Date : February 8, 2023/4:44 pm IST

Death toll from Earthquake in Turkey

गंजियातेप (तुर्किये), 8 फरवरी । तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत व बचाव दल दिन रात हजारों इमारतों के मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में दिन रात जुटे हैं। मलबे के नीचे से और शवों को निकाले जाने के बाद भूकंप से मरने वालों की संख्या 9,500 से अधिक हो गई है।

जापान में 2011 में आए भूकंप के बाद से यह सबसे घातक भूकंपीय घटना है। तब भूकंप के बाद सुनामी आई थी जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए थे।

सरकार से आपदा क्षेत्र में और मदद भेजने की मांग के बीच राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन को बुधवार को भूकंप के केंद्र पजारसिक शहर और सबसे बुरी तरह प्रभावित हाते प्रांत की यात्रा करनी थी।

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भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी

तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है।

दक्षिण-पूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के लगभग दो दिन बाद, बचाव दल ने तीन वर्षीय एक बच्चे आरिफ कान को कहरामनमारस में एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला।

लड़के के पिता, एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे। केसी मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया। तुर्की के एक टीवी रिपोर्टर ने देश में इस राहत अभियान के प्रसारण के दौरान कहा, “अब से, कहरामनमारस में उम्मीद का नाम आरिफ कान है। ”

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कुछ घंटों पहले, बचावकर्ताओं ने 10 वर्षीय बैतूल एडिस को अदियामन शहर में उसके घर के मलबे से निकाला। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उसके दादा ने उसे चूमा और धीरे से उससे बात की। इसके बाद उसे एंबुलेंस से ले जाया गया।

दो दर्जन से ज्यादा देशों के राहत दल तुर्की के आपातकालीन कर्मियों के साथ काम कर रहे हैं तथा राहतसामग्रियों का आना भी जारी है।

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