इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले 11 दिन में हुए दुगने : अध्ययन | Delta-nature infections in England double in 11 days: Study

इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले 11 दिन में हुए दुगने : अध्ययन

इंग्लैंड में डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामले 11 दिन में हुए दुगने : अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : June 17, 2021/10:45 am IST

लंदन, 17 जून (भाषा) इंग्लैंड में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है और देश में कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के मामले 11 दिन में दोगुने हो गए। एक नए अध्ययन में बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया गया।

इंपीरियल कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में 20 मई से सात जून के बीच लोगों के लिए गए नमूनों के आधार पर सामुदायिक संक्रमण (रीएक्ट-एक) का विश्लेषण किया गया। इसमें पता चला कि 670 में से एक या 0.15 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए। फरवरी के बाद से संक्रमण, अस्पताल में भर्ती और मौत के मामलों के बीच जुड़ाव पाया गया लेकिन अप्रैल के आखिर से अस्पताल में भर्ती होने के मामलों का रुझाव बदलने लगा।

रीएक्ट कार्यक्रम के निदेशक और इंपीरियल कॉलेज के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर पॉल इलिएट ने कहा, ‘‘हमें रीएक्ट-एक अध्ययन में मई से शुरुआती जून के बीच संक्रमण में गुणात्मक बढ़ोतरी के प्रमाण मिले। इंग्लैंड में औसतन 11 दिनों पर मामले दोगुने हो रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये आंकड़े डेल्टा स्वरूप से जुड़े हैं और इससे पता चलता है कि समुदाय में संक्रमण दर और चिंताजनक स्वरूप को लेकर लगातार निगरानी रखने की जरूरत है।’’

इससे कुछ दिन पहले डेल्टा स्वस्प के कारण मामलों में वृद्धि के मद्देनजर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लॉकडाउन की पाबंदियों को खत्म करने में एक महीने के विलंब की घोषणा की थी। सबसे पहले भारत में डेल्टा स्वरूप की पहचान की गयी थी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा, ‘‘ये निष्कर्ष उन हालातों को रेखांकित करते हैं जिसके कारण लॉकडाउन को खत्म करने में देरी का फैसला किया गया।’’ हैंकॉक ने कहा, ‘‘मामले अब बढ़ रहे हैं लेकिन हमारे भरोसेमंद टीकाकरण कार्यक्रम और जांच समेत व्यापक कदम के जरिए इस वायरस को रोकने के लिए हमारे पास रणनीति है।’’

वैज्ञानिकों ने अध्ययन में अनुमान जताया है कि 10 संक्रमित लोग औसतन 14 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे जिससे महामारी तेजी से फैल सकती है। इंपीरियल कॉलेज में संक्रामक रोग के प्रोफेसर स्टीवन रिले ने कहा, ‘‘युवाओं में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। अगर यह वृद्धि इसी तरह जारी रही और बुजुर्ग भी प्रभावित हुए तो टीके 100 प्रतिशत कारगर नहीं होंगे। इससे अस्पतालों में भर्ती के मामले और मौतों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है कि लोग टीके की खुराक लें और नियमों का पालन करें।’’

भाषा आशीष माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)