Imran Khan News: यहां पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को 17-17 साल की कैद, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा

Imran Khan News: पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को 17-17 साल के कारावास की सजा सुनाई।

Imran Khan News: यहां पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को 17-17 साल की कैद, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा
Modified Date: December 20, 2025 / 04:31 pm IST
Published Date: December 20, 2025 3:52 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अधिक सजा की तुलना में कम सजा सुनाई गई
  • मामला जुलाई 2024 में दायर किया गया
  • उच्च न्यायालय ने बुशरा को इस मामले में  दे दी थी जमानत

इस्लामाबाद: Imran Khan News, पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में शनिवार को 17-17 साल के कारावास की सजा सुनाई। अगस्त 2023 से जेल में बंद खान (73) अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद से विभिन्न मुकदमों का सामना कर रहे हैं। तोशाखाना-2 मामला 2021 में खान और बीबी को सऊदी सरकार से मिले सरकारी उपहारों में हुई कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है।

विशेष अदालत के न्यायाधीश शाहरुख अर्जुमंद ने रावलपिंडी में स्थित उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में इस मामले में फैसला सुनाया, जहां पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान फिलहाल बंद हैं। खान और बुशरा को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत 10-10 साल और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सात-सात साल कैद की सजा सुनाई गई। अदालत ने दोनों पर 1.64-1.64 करोड़ रुपये जुर्माना भी लगाया।

अधिक सजा की तुलना में कम सजा सुनाई गई

Imran Khan News, फैसले में कहा गया है, “इस अदालत ने सजा सुनाते समय इमरान अहमद खान नियाजी की उम्र के साथ साथ यह तथ्य भी ध्यान में रखा कि बुशरा इमरान खान एक महिला हैं। इन दोनों तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लचीला रुख अपनाकर अधिक सजा की तुलना में कम सजा सुनाई गई।”

 ⁠

Imran Khan News, अदालत ने कहा कि “इस मामले में दोषियों को” दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 382-बी (सजा के समय कारावास की अवधि को ध्यान में रखना) का लाभ दिया गया है।” मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत में कुल 21 गवाह पेश हुए। फैसला सुनाए जाते समय खान और बुशरा अदालत में मौजूद थे।

मामला जुलाई 2024 में दायर किया गया

खान ने मामले में सीआरपीसी की धारा 342 के तहत दर्ज बयान में इन आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि मामला फर्जी है। मामला जुलाई 2024 में दायर किया गया था और इसमें आरोप था कि खान और बीबी ने मूल्यवान वस्त्र, महंगी घड़ियां, हीरे और सोने के आभूषणों को तोशाखाना (राजकीय उपहार भंडार) में जमा किए बिना बेच दिया था।

Imran Khan News, वित्त राज्य मंत्री बिलाल अजहर कयानी ने ‘जियो न्यूज’ से कहा कि उपहारों को जमा नहीं किया गया, जबकि उन्हें कानूनी रूप से इन्हें जमा करना चाहिए था। घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए उन्होंने कहा, “कानूनी प्रक्रिया के दौरान जो तथ्य सामने आए, उनके अनुसार आभूषण की वास्तविक कीमत सात करोड़ रुपये थी; हालांकि, इसका मूल्यांकन 58-59 लाख रुपये किया गया था।”

तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के तहत काम करने वाला एक विभाग है जो दूसरे देशों के शासन प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की ओर से पाकिस्तानी शासकों व सरकारी अधिकारियों को मिलने वाले उपहारों को रखता है। तोशाखाना में उपहार जमा होने के बाद, उन्हें उचित नियमों और प्रक्रियाओं के तहत खरीदा जा सकता है।

उच्च न्यायालय ने बुशरा को इस मामले में  दे दी थी जमानत

अक्टूबर 2024 में, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बुशरा को इस मामले में जमानत दे दी थी, और एक महीने बाद, खान को भी इस मामले में जमानत दी गई थी। पिछले साल दिसंबर में उनके खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ था। इस बीच, अभियोजन प्रक्रिया अदियाला जेल में हुई, जहां खान और उनकी पत्नी इस साल की शुरुआत में अल-कदीर ट्रस्ट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से कैद हैं। दोनों दोषी उच्च न्यायालय में अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

इन्हे भी पढ़ें:-

 

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com