फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी अगस्त के बाद ईरान पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध बहाल करेंगे

फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी अगस्त के बाद ईरान पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध बहाल करेंगे

फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी अगस्त के बाद ईरान पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध बहाल करेंगे
Modified Date: July 16, 2025 / 10:57 am IST
Published Date: July 16, 2025 10:57 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 16 जुलाई (एपी) फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने इस बात पर सहमति जताई है कि अगर परमाणु समझौते पर कोई ठोस प्रगति नहीं होती है तो अगस्त के अंत तक ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंध बहाल कर दिए जाएंगे। दो यूरोपीय राजनयिकों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

संयुक्त राष्ट्र में तीनों देशों के राजदूतों ने मंगलवार को जर्मनी स्थित संयुक्त राष्ट्र मिशन में ईरान के साथ संभावित समझौते और प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर चर्चा की। दो अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर हुई बातचीत में भी यह मुद्दा उठा।

अधिकारियों और राजनयिकों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर यह जानकारी दी।

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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने रुबियो और तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के बाद कहा कि सभी ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान परमाणु हथियार विकसित या प्राप्त नहीं कर सके।

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी 2015 में ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने के लिए हुए एक समझौते का हिस्सा हैं, जिससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका को यह कहते हुए अलग कर लिया था कि यह पर्याप्त रूप से कठोर समझौता नहीं है।

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-नोएल बरो ने मंगलवार को ब्रसेल्स में संवाददाताओं से कहा कि तीनों यूरोपीय देशों का ईरान पर प्रतिबंध को पुनः लागू करना उचित है।

ईरान द्वारा परमाणु प्रसार पर रोक को लेकर ठोस और प्रतिबद्धता की पुष्टि करने से पहले हम अगस्त के अंत तक प्रतिबंध को बहाल कर देंगे।

राजनयिकों ने प्रस्तावित समझौते का विवरण नहीं दिया।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने हाल में कहा था कि अगर ईरान को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर इजराइल और अमेरिका के हमलों के बाद आगे कोई हमला नहीं होने का आश्वासन मिलता है तो वह अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकार करेगा।

उन्होंने कहा कि ‘‘इस बात की पक्की गारंटी होनी चाहिए कि ऐसी कार्रवाई दोबारा नहीं होगी।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘‘ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले ने समाधान तक पहुंचना और भी मुश्किल और जटिल बना दिया है।’’

एपी सुरभि मनीषा

मनीषा


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