विलुप्त प्रजाति के ‘डायर वुल्फ’ जैसे हैं अमेरिका में आनुवंशिक रूप से रूपांतरित भेड़िये: वैज्ञानिक

विलुप्त प्रजाति के ‘डायर वुल्फ’ जैसे हैं अमेरिका में आनुवंशिक रूप से रूपांतरित भेड़िये: वैज्ञानिक

विलुप्त प्रजाति के ‘डायर वुल्फ’ जैसे हैं अमेरिका में आनुवंशिक रूप से रूपांतरित भेड़िये: वैज्ञानिक
Modified Date: April 8, 2025 / 10:48 am IST
Published Date: April 8, 2025 10:48 am IST

वाशिंगटन, आठ अप्रैल (एपी) विलुप्त हो चुके ‘डायर वुल्फ’ से मिलते-जुलते, आनुवंशिक रूप से रूपांतरित तीन भेड़िये अमेरिका में एक अज्ञात सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं। यह जानकारी लुप्त प्रजातियों को वापस लाने के लिए काम कर रही कंपनी ने दी।

‘कोलोसल बायोसाइंसेज’ के शोधकर्ताओं ने सोमवार को बताया कि भेड़ियों के इन शावकों की उम्र तीन से छह महीने के बीच है, इनके लंबे एवं सफेद बाल हैं, मांसल जबड़े हैं और इनका वजन लगभग 80 पाउंड है जो उनके वयस्क होने पर 140 पाउंड तक पहुंच जाएगा।

‘डायर वुल्फ’ 10,000 वर्ष से अधिक समय पहले विलुप्त हो गए थे।

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स्वतंत्र वैज्ञानिकों ने कहा कि इस नवीनतम प्रयास का अर्थ यह नहीं है कि निकट भविष्य में ‘डायर वुल्फ’ उत्तर अमेरिका के घास के मैदानों में फिर से नजर आएंगे।

बफेलो विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी विन्सेंट लिंच ने कहा कि ‘‘अब आप बस इतना ही कर सकते हैं कि किसी जीव को सतही तौर पर किसी और जीव जैसा बना दें’’, लेकिन विलुप्त प्रजातियों को पूरी तरह से पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। लिंच इस शोध में शामिल नहीं थे।

वैज्ञानिकों ने जीवाश्मों से प्राचीन डीएनए की जांच करके ‘डायर वुल्फ’ के विशिष्ट लक्षणों के बारे में पता लगाया।

शोधकर्ताओं ने ओहियो में खुदाई से मिले ‘डायर वुल्फ’ के 13,000 साल पुराने दांत और इदाहो में मिले उसकी खोपड़ी के 72,000 साल पुराने टुकड़े का अध्ययन किया, जो प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में रखे हैं।

‘कोलोसल’ की मुख्य वैज्ञानिक बेथ शापिरो ने बताया कि इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक जीवित ‘ग्रे वुल्फ’ की रक्त कोशिकाएं लीं और उन्हें 20 अलग-अलग जगहों पर आनुवंशिक रूप से रूपांतरित करने के लिए सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल किया। सीआरआईएसपीआर यानी ‘क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट्स’ जीन में बदलाव की तकनीक है।

शापिरो ने बताया कि वैज्ञानिकों ने उस आनुवंशिक सामग्री को एक घरेलू भेड़िए के अंडे की कोशिका में स्थानांतरित किया। इसके बाद भ्रूण को घरेलू भेड़िया सरोगेट (किराए की कोख) में स्थानांतरित किया गया और 62 दिनों के बाद आनुवंशिक रूप से बदलाव की तकनीक से भेड़िए के इन आनुवांशिक रूप से रूपांतरित शावकों का जन्म हुआ जो ‘डायर वुल्फ’ से मिलते-जुलते हैं।

एपी

सिम्मी मनीषा

मनीषा


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