काठमांडू, 16 मई (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोकने और पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
ओली यहां ‘जलवायु परिवर्तन, पर्वत और मानवता का भविष्य’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ‘सागरमाथा संवाद’ के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।
इस कार्यक्रम में भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव सहित 350 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियां उपस्थित थीं।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन इस बारे में बताने के लिए है कि हिमालय को संरक्षित करने का अर्थ पृथ्वी, महासागरों और मानवता को संरक्षित करना है।
ओली ने कहा, ‘‘हमारे घर भूस्खलन से नष्ट हो रहे हैं। बाढ़ और सूखा की अप्रत्याशित स्थिति है, फिर भी हम मजबूत बने हुए हैं। हमारा उत्सर्जन कम है और पर्यावरण संरक्षण में हमारा योगदान महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि यह संवाद उच्च स्तर का होगा, जिसमें नैतिक स्पष्टता, मजबूत बौद्धिक साहस और सुंदर भविष्य बनाने के लिए एक दृढ़ एवं साझा दृष्टिकोण होगा।’’
उन्होंने पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत के पर्यावरण मंत्री यादव ने दोनों देशों की ‘‘अधिक ऊंचाई वाली जैव विविधता और पर्वतीय परिदृश्य के महत्व को ध्यान में रखते हुए’’ हिम तेंदुओं सहित बिल्ली प्रजाति के बड़े जानवरों के संरक्षण के क्षेत्र में नेपाल और भारत के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया ‘‘वैश्विक जनसंख्या के लगभग 25 प्रतिशत लोगों का निवास स्थान होने के बावजूद संचयी वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में केवल चार प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है’’।
तीन दिवसीय कार्यक्रम में जलवायु विशेषज्ञों, पर्यावरण कार्यकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों और मीडियाकर्मियों सहित 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का समापन रविवार को होगा।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
मनीषा
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