आईएईए ने पाया, ईरान अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा

आईएईए ने पाया, ईरान अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा

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Modified Date: June 12, 2025 / 06:01 PM IST
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Published Date: June 12, 2025 6:01 pm IST
आईएईए ने पाया, ईरान अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा

वियना, 12 जून (एपी) संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के शासी निकाय ने बृहस्पतिवार को पाया कि ईरान 20 वर्षों में पहली बार अपने परमाणु दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है ।

इस कदम के कारण तनाव बढ़ सकता है व इस वर्ष के अंत में ईरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को पुनः लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

ईरान ने तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह “एक सुरक्षित स्थान पर” एक नयी संवर्धन सुविधा स्थापित करेगा और “अन्य उपायों की भी योजना बनाई जा रही है।”

ईरान के विदेश मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा संगठन ने एक संयुक्त बयान में कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के पास इस राजनीतिक प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

ईरान को लेकर प्रस्ताव पर आईएईए के शासी निकाय के सदस्य देशों ने मतदान किया।

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर राजनयिकों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के शासी निकाय के 19 सदस्य देशों ने वियना में एक बैठक में प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। रूस, चीन और बुर्किना फासो ने इसका विरोध किया जबकि 11 सदस्यों ने वोट नहीं दिया।

एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखे गए मसौदा प्रस्ताव में, शासी निकाय ने ईरान से कई स्थानों पर मिले यूरेनियम के अंशों के बारे में लंबे समय से जारी जांच में “बिना देरी” के शामिल होने का आह्वान किया है।

पश्चिमी अधिकारियों को संदेह है कि यूरेनियम के ये अंश इस बात का सबूत दे सकते हैं कि ईरान 2003 तक परमाणु हथियार कार्यक्रम पर गुप्त रूप से काम कर रहा था। फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका ने यह प्रस्ताव पेश किया था।

मतदान के बाद ईरानी सरकारी टेलीविजन से बात करते हुए, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी एजेंसी ने आईएईए को तुरंत सूचित कर दिया था कि तेहरान क्या “विशिष्ट व प्रभावी” कार्रवाई करेगा।

प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा, ‘एक काम संवर्धन के लिए तीसरे सुरक्षित स्थल का निर्माण करना है।’

उन्होंने स्थान के बारे में विस्तार से नहीं बताया।

ईरान के पास फोर्डो और नतांज में दो भूमिगत स्थल हैं और वह नतांज के पास पहाड़ों में सुरंगें बना रहा है, क्योंकि संदिग्ध इजराइली हमलों ने उस सुविधा को निशाना बनाया था।

”परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत निर्धारित तथाकथित ‘सुरक्षा उपाय दायित्वों’ के अनुसार, ईरान कानूनी रूप से बाध्य है कि वह अपने सभी परमाणु सामग्री और गतिविधियों की जानकारी दे और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षकों को यह सत्यापित करने की अनुमति दे कि इनका उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए।”

यह मतदान ऐसे संवेदनशील समय में हुआ है जब क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है। इसी बीच, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि वह मध्य पूर्व में संचालन के लिए गैर-आवश्यक माने जाने वाले कर्मियों की मौजूदगी में कटौती कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्र डोनाल्ड ट्रंप पूर्व में कह चुके हैं कि यदि वार्ता असफल रहती है तो अमेरिका या इजराइल ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बना सकते हैं।

अमेरिका और ईरान के बीच तेहरान के तेजी से आगे बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच, ओमान के विदेश मंत्री ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन वार्ताओं का छठा दौर रविवार को ओमान में आयोजित किया जाएगा।

मसौदा प्रस्ताव में सीधे तौर पर अमेरिका-ईरान वार्ताओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें ‘ईरानी परमाणु कार्यक्रम से उत्पन्न समस्याओं के लिए कूटनीतिक समाधान के समर्थन’ पर जोर दिया गया है। इसमें संयुक्त राज्य और ईरान के बीच चल रही बातचीत को भी शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य एक ऐसा समझौता करना है जो ईरान की परमाणु गतिविधियों से जुड़ी सभी अंतरराष्ट्रीय चिंताओं का समाधान करे

एपी जोहेब पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)