इमरान खान ने जेल में बुनियादी सुविधाएं नही देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की

इमरान खान ने जेल में बुनियादी सुविधाएं नही देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की

इमरान खान ने जेल में बुनियादी सुविधाएं नही देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की
Modified Date: August 26, 2025 / 07:47 pm IST
Published Date: August 26, 2025 7:47 pm IST

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 26 अगस्त (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलिस में एक शिकायत दायर कर पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जेल में उन्हें ‘बुनियादी सुविधाएं’ देने से इनकार करने का मामला दर्ज करने की मांग की है।

क्रिकेटर से नेता बने 72 वर्षीय खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं। फ़िलहाल, वह रावलपिंडी की अडियाला जेल में हैं।

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मरयम और आठ अन्य जेल अधिकारियों के खिलाफ अपनी शिकायत में खान ने रावलपिंडी के पुलिस प्रमुख को लिखा कि उनके इशारे पर उन्हें जेल में बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है।

खान ने कहा, ‘पंजाब की मुख्यमंत्री के निर्देश पर, एक कैदी के तौर पर उनके बुनियादी अधिकारों का भी उल्लंघन किया जा रहा है। कोठरी में रोशनी नहीं है और मेरे परिवार के सदस्यों को भी मुलाक़ात के अधिकार से वंचित रखा जा रहा है।’

उन्होंने अडियाला जेल की चौकी पर तैनात पुलिस अधिकारियों – ज़ैनब और ऐज़ाज़ – पर अपने परिवार के सदस्यों को परेशान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने मरयम और आठ अन्य के खिलाफ जेल में बुनियादी सुविधाओं से वंचित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

इससे पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में खान ने कहा था कि जेल में एकांत कारावास में रहते हुए भी वह अपने देश की सच्ची आजादी के लिए लड़ रहे हैं और जब तक वह अपने लोगों को गुलामी की ज़ंजीरों से मुक्त नहीं करा लेते, तब तक वह दृढ़ रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘मुझे एक बार फिर पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है। मेरे परिवार और वकीलों से मुलाक़ातें स्थगित कर दी गई है। मुझे बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग रखने और समसामयिक मामलों से अनभिज्ञ रखने के लिए, सूचना के हर स्रोत, चाहे वह टेलीविज़न हो या अख़बार, को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।’

खान ने कहा, “ मेरी पत्नी बुशरा बीबी के साथ भी यही अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है – यहां तक कि हमारी मुलाक़ातों पर भी पाबंदी लगा दी गई है। मेरे परिवार द्वारा भेजी गई दर्जनों किताबों में से, पिछले दो महीनों में मुझे सिर्फ चार ही दी गई हैं; बाकी ज़ब्त कर ली गई हैं। मुझे अपने निजी डॉक्टर से मिलने की अनुमति भी लंबे समय से नहीं दी गई है। स्वास्थ्य देखभाल का मेरा मूल अधिकार भी छीन लिया गया है।”

भाषा नोमान नरेश

नरेश


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