भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा की

भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा की

भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा की
Modified Date: July 25, 2025 / 07:26 pm IST
Published Date: July 25, 2025 7:26 pm IST

(फोटो के साथ)

माले, 25 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा देने की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत को इस द्वीपीय राष्ट्र का सबसे भरोसेमंद मित्र होने पर गर्व है।

मोदी ने यह टिप्पणी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापक वार्ता के बाद की, जिसमें व्यापार, रक्षा और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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मोदी ने यह भी घोषणा की है कि दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे तथा मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव भारत की ‘‘पड़ोसी प्रथम’’ नीति और महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

मोदी ने कहा कि भारत ने मालदीव को 56.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (4,850 करोड़ रुपये) की ऋण सुविधा देने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग आपसी विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में उसका समर्थन करेगा।

मोदी आज सुबह माले पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मुइज्जू और उनकी सरकार के कई शीर्ष मंत्रियों ने वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इससे माले द्वारा इस यात्रा को दिए गए महत्व का पता चलता है।

कुछ घंटों बाद, मोदी का प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर औपचारिक रूप से स्वागत किया गया और उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा हवाई अड्डे पर आकर मेरा स्वागत करने के भाव से मैं बहुत प्रभावित हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-मालदीव मित्रता आने वाले समय में प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छुएगी।’’

दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले बैठक की।

द्विपक्षीय संबंधों में यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू नवंबर 2023 में ‘‘इंडिया आउट’’ अभियान के बल पर द्वीपीय राष्ट्र की सत्ता में आए हैं।

मुइज्जू के कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों के दौरान उनकी नीतियों के कारण संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग कर दी। इसके बाद, भारत ने उनकी जगह असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया।

भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव में दो हेलीकॉप्टरों और एक विमान के रखरखाव और संचालन के लिए तैनात किया गया था, जिनका उपयोग मानवीय और बचाव कार्यों के लिए किया गया था।

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत के निरंतर प्रयासों ने संबंधों को पुनः पटरी पर लाने में मदद की, जिसमें द्वीप राष्ट्र को उसकी आर्थिक समस्याओं से निपटने में सहायता देना भी शामिल है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश


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