21वीं सदी का भारत बड़े व त्वरित निर्णय लेता है : प्रधानमंत्री मोदी
21वीं सदी का भारत बड़े व त्वरित निर्णय लेता है : प्रधानमंत्री मोदी
मस्कट, 18 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि 21वीं सदी का भारत बड़े और त्वरित फैसले लेता है, बड़े लक्ष्य तय करके आगे बढ़ता है और समयबद्ध तरीके से परिणाम देता है।
दो दिवसीय ओमान यात्रा पर आए मोदी ने यहां भारतीय छात्रों और समुदाय के सदस्यों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और उत्साहपूर्वक नारे लगाते हुए तालियों के साथ उनका अभिनंदन किया।
मोदी ने अपने संबोधन के दौरान वहां उपस्थित लोगों को ‘लघु-भारत’ की संज्ञा दी, जिसके बाद उपस्थित लोगों ने ‘मोदी, मोदी, मोदी’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।
उन्होंने इस अवसर पर भारत के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों की उपस्थिति का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज हम सब एक परिवार की तरह एकत्र हुए हैं। आज हम अपने देश और टीम इंडिया का उत्सव मना रहे हैं। भारत में, हमारी विविधता हमारी संस्कृति की मजबूत नींव है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि ‘सह-अस्तित्व और सहयोग’ भारतीय प्रवासी समुदाय की पहचान रहे है।
भारत के परिवर्तनकारी विकास, इसकी प्रगति, परिवर्तन के पैमाने, और अर्थव्यवस्था की ताकत का जिक्र करते हुए मोदी ने पिछली तिमाही में आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर दृढ़ता से बढ़ रहा है, और यह तब हुआ जब पूरी दुनिया चुनौतियों से जूझ रही थी।’
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी का भारत बड़े और त्वरित फैसले लेता है, बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ता है और तय समयसीमा के भीतर परिणाम देता है।’’
‘मैत्री पर्व’ कार्यक्रम में भारतीय स्कूलों के 700 से अधिक छात्र भी उपस्थित थे।
नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि यह वर्ष ओमान में भारतीय स्कूलों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे इस वर्ष अपने अस्तित्व के 50 वर्षों का उत्सव मना रहे हैं।
मोदी ने इस अवसर पर भारत-ओमान संबंधों में ज्ञान को केंद्रीय स्थान देने पर जोर देते हुए कहा, ‘अब, हमें अगले 50 वर्षों के लिए लक्ष्य तय करना है। इसलिए, मैं हर युवा से कहना चाहता हूं कि बड़े सपने देखें, गहन ज्ञान प्राप्त करें, और खुलकर नवाचार करें, ताकि वे मानवता के लिए सार्थक योगदान दे सकें।’
मोदी ने कहा कि ‘मैत्री पर्व’ में मैत्री से आशय ‘मैरिटाइम हेरिटेज, एस्पिरेशन, इनोवेशन, ट्रस्ट एंड टेक्नोलॉजी, रेस्पेक्ट और इंक्लूसिव ग्रोथ’ से है।
उन्होंने कहा कि यह उत्सव ‘दोनों देशों के बीच आपसी मित्रता, साझा इतिहास और समृद्ध भविष्य’ का प्रतीक है।
मोदी ने यह भी कहा कि भारत-ओमान साझेदारी कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहयोग, डिजिटल शिक्षा, नवाचार साझेदारी और उद्यमिता आदान-प्रदान के माध्यम से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘केवल भूगोल से ही नहीं, बल्कि पीढ़ियों के जरिये भी एक-दूसरे से जुड़े हैं’।
उन्होंने प्रवासी समुदाय को ‘इन सदियों पुरानी रिश्तों का सबसे बड़ा संरक्षक’ बताया।
प्रधानमंत्री ने हाल में यूनेस्को द्वारा ‘दीपावली’ पर्व को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने के फैसले की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारा ‘दीया’ केवल हमारे घरों को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को रोशन करेगा।’’
उन्होंने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है और ‘‘दिवाली को मिली यह वैश्विक मान्यता उस प्रकाश की पहचान है, जो आशा, सौहार्द और मानवता का संदेश फैलाता है।’’
‘मैत्री पर्व’ कार्यक्रम में भारतीय छात्रों और समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत और ओमान न केवल भौगोलिक रूप से बल्कि पीढ़ियों से एक-दूसरे से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विविधता हमारी संस्कृति की मजबूत नींव है। हर परंपरा अपने साथ नया विचार लेकर आती है…… हम भारतीय जहां भी जाते हैं, विविधता का सम्मान करते हैं।’’
भाषा जोहेब वैभव
वैभव

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