भारत अगले 20 साल में बांग्लादेश और उससे आगे भी परिवहन संपर्क बढ़ाना चाहता है : जयशंकर

भारत अगले 20 साल में बांग्लादेश और उससे आगे भी परिवहन संपर्क बढ़ाना चाहता है : जयशंकर

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  • Publish Date - March 4, 2021 / 02:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

अनिसुर रहमान

ढाका, चार मार्च (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत अगले 20 साल के भीतर बांग्लादेश और उससे आगे भी परिवहन संपर्क को विकसित करने का इच्छुक है ताकि क्षेत्र के भू-आर्थिक हालात को बदला जा सके।

जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बांग्लादेश की आगामी यात्रा की तैयारी के लिए बृहस्पतिवार को एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री इस महीने बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश-भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने के अवसर पर यहां आने वाले हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच परिवहन संपर्क क्षेत्र का नक्शा बदल सकता है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘50 साल (भारत-बांग्लादेश संबंधों) पूरे हो चुके हैं। अब अगले 20 साल के बारे में सोचें। मैं कहूंगा कि सबसे ज्यादा परिवहन संपर्क पर विचार करें। मैं परिवहन संपर्क को (हमारे संबंधों के) बड़े लक्ष्य के रूप में चुनूंगा।’’

मोमेन के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के लिए प्राथमिकता और पूरब की ओर स्थित देशों के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने वाली ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में प्रासंगिक है।

उन्होंने परिवहन संपर्क के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों (भारत-बांग्लादेश) के बीच तीसरे देश, संभवत: जापान, को शामिल करने की भी बात कि क्योंकि भारत और बांग्लादेश दोनों के संबंध जापान के साथ ‘‘बहुत अच्छे’’ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जापान (क्षेत्र में) बंगाल की खाड़ी में परिवहन संपर्क विकसित करने की परियोजना से जुड़ा हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको बता सकता हूं कि पूरे क्षेत्र का भू-आर्थिक नक्शा बदल जाएगा और बंगाल की खाड़ी बिलुकल अलग नजर आएगी।’’

जयशंकर ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से लोगों के साथ संबंधों, शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति से जुड़े मामले परिवहन संपर्क बेहतर होने के साथ ही अच्छे हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें लोगों के बीच रिश्तों पर आधारित संबंध रखने चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि उससे हमारे सहयोग को और बल मिलेगा।’’

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश