म्यांमा में इंटरनेट एक ‘‘आभासी युद्धभूमि’’ : रिपोर्ट

म्यांमा में इंटरनेट एक ‘‘आभासी युद्धभूमि’’ : रिपोर्ट

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  • Publish Date - May 18, 2021 / 01:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

बैंकॉक, 18 मई (एपी) म्यांमा के सैनिक शासक सत्ता पर अपने कब्जे के खिलाफ विरोध को दबाने के लिए जनता की इंटरनेट तक पहुंच को केवल उन साइटों के आंतरिक नेटवर्क तक सीमित रखना चाह रहे हैं जो ‘सफेद सूची’ में शामिल हैं ।

यह जानकारी इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप की रिपोर्ट में दी गई है।

इसने इंटरनेट को ‘‘आभासी युद्धभूमि’’ करार दिया जहां सेना अपनी बढ़त बनाना चाहती है क्योंकि उसके पास तकनीकी क्षमता का अभाव है, जबकि फेसबुक जैसी सोशल मीडिया कंपनियों ने सैन्य अधिकारियों और कई सरकारी एजेंसियों को प्रतिबंधित कर रखा है।

मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, आंग सान सू ची की सरकार के तहत पश्चिम म्यांमा के राखाइन प्रांत में अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों के खिलाफ ऑनलाइन असंतोष और सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने के मामलों में कमी आई थी। एक फरवरी को आंग सान सू ची की सरकार को सत्ता से बेदखल का दिया गया था। उसके बाद से अधिकारियों ने रात में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा रखा है और सोशल मीडिया मंचों पर पहुंच को सीमित करने का प्रयास किया है।

नॉर्वे की टेलीनोर जैसी अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार कंपनियों ने इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि म्यांमा को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने में उनके प्रयासों को झटका लगा है।

जुंटा ने मोबाइल संचालकों और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को कुछ वेबसाइट और वीपीएन (आभासी निजी नेटवर्क) तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया है। जुंटा केवल फाइबर डाटा कनेक्शन तक पहुंच सीमित कर रही है जो आबादी के एक मामूली हिस्से को उपलब्ध है।

एपी नीरज नरेश

नरेश