Sehore Kanwar Yatra | Photo Credit: IBC24
सीहोर: Sehore Kanwar Yatra कुदरती त्रासदी के बाद अब बात मौत की भगदड़ की। मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में सावन के पवित्र महीने में उमड़े शिव भक्तों के सैलाब के बीच एक दुखद हादसा सामने आया है। भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं। घायलों में चार की हालत गंभीर है। ये कोई पहला मौका नहीं जब यहां भगदड़ की स्थिति निर्मित हुई हो। कई बार यहां से दुखद खबर सामने आई हैं।
Sehore Kanwar Yatra ये त्रासदी मंगलवार को उस समय हुई, जब कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के बीच लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। दरअसल, भारी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की शुरू हुई, जिसके चलते ये हादसा हुआ। प्रशासन ने 4 हजार श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और भंडारे की व्यवस्था का दावा किया था, लेकिन लाखों की संख्या में पहुंचे भक्तों के दबाव में व्यवस्थाएं चरमरा गईं। हर साल सावन माह में पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में कुबेरेश्वर धाम में भव्य कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। इस बार 6 अगस्त को होने वाली इस यात्रा में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
ये पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ की घटना हुई हो। इस पवित्र स्थल पर पहले हुई ऐसी घटनाओं पर 2023, जनवरी में नववर्ष के पहले दिन, करीब 2 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हुई थी। अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति बनी, जिसमें कई लोग घायल हुए। 2024 मार्च में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ की खबरें आईं। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत की सूचना थी। 2024 अगस्त में कांवड़ यात्रा के दौरान सीहोर में 11 किलोमीटर लंबी यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। भीड़ प्रबंधन की कमी से भगदड़ की स्थिति पैदा हुई, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।
वहीं हादसे पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि इस तरह के आयोजनों पर सरकार को नजर रखनी चाहिए। बीजेपी ने कहा कि इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सियासत अपनी जगह लेकिन, कुबेरेश्वर धाम, जहां पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाओं और रुद्राक्ष वितरण के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं, ये स्थान शिव भक्ति का प्रमुख केंद्र है, लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुखद घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन इस विशाल आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार था? कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा के लिए पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?