ईरान को किसी भी परमाणु समझौते के तहत ‘छद्म समूहों’ का समर्थन बंद करना चाहिए : ट्रंप
ईरान को किसी भी परमाणु समझौते के तहत ‘छद्म समूहों’ का समर्थन बंद करना चाहिए : ट्रंप
रियाद, 14 मई (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को खाड़ी नेताओं से कहा कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने के लिए उसके साथ तत्काल “समझौता करना” चाहते हैं, लेकिन किसी भी संभावित समझौते के हिस्से के रूप में तेहरान को पूरे क्षेत्र में ‘छद्म’ समूहों को अपना समर्थन बंद करना होगा।
सऊदी अरब की राजधानी में युवराज मोहम्मद बिन सलमान द्वारा आयोजित खाड़ी सहयोग परिषद के नेताओं की बैठक में ट्रंप ने कहा, “(ईरान को) आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा, अपने रक्तरंजित छद्म युद्धों को रोकना होगा, तथा परमाणु हथियार बनाने के प्रयासों को स्थायी रूप से और सत्यापन किये जाने योग्य स्थिति तक बंद करना होगा। उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता।”
पिछले महीने की शुरुआत से लेकर अब तक अमेरिका और ईरान के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उन्हें लगता है, समझौता संभव है, लेकिन अब यह खिड़की बंद होती जा रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूतियों को समर्थन बंद करने के लिए कड़े शब्दों के साथ दबाव डाला है। हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला शुरू करने के बाद से पिछले 19 महीनों में इसके छद्म नेटवर्क को महत्वपूर्ण असफलताओं का सामना करना पड़ा है।
ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि पिछले वर्ष इजराइल के साथ हुए युद्ध के बाद हिजबुल्लाह काफी कमजोर हो गया है जिसमें उसका अधिकांश शीर्ष नेतृत्व मारा गया था। उन्होंने कहा कि पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन के बाद एक महत्वपूर्ण सहयोगी को खो देने से भी वह कमजोर हुआ है। उनके मुताबिक सीरिया दरअसल ईरान को हथियार भेजने का एक माध्यम था।
ट्रंप ने कहा, “यदि वे ऐसा करते हैं, तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री प्रभावी लेबनानी राज्य का पुनर्निर्माण कर सकते हैं।”
ईरान पर ट्रंप की टिप्पणी बुधवार को सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से उनकी मुलाकात के बाद आई, जो कि एक समय के विद्रोही नेता के साथ आमने-सामने की मुलाकात थी। अल-शरा इराक में पकड़े जाने के बाद कई वर्षों तक अमेरिकी सेना की कैद में रहे थे।
एपी प्रशांत मनीषा
मनीषा

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