परमाणु कार्यक्रम को लेकर यूरोपीय देशों के साथ वार्ता करेगा ईरान

परमाणु कार्यक्रम को लेकर यूरोपीय देशों के साथ वार्ता करेगा ईरान

परमाणु कार्यक्रम को लेकर यूरोपीय देशों के साथ वार्ता करेगा ईरान
Modified Date: August 22, 2025 / 03:38 pm IST
Published Date: August 22, 2025 3:38 pm IST

दुबई, 22 अगस्त (एपी) ईरान ने यूरोपीय समय सीमा से कुछ दिन पहले शुक्रवार को कहा कि उसके विदेश मंत्री तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध फिर से लागू होने से बचने के लिए अपने फ्रांसीसी, जर्मन और ब्रिटिश समकक्षों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करेंगे।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ के अनुसार, विदेश मंत्री अब्बास अराघची द्वारा शुक्रवार को यह कॉल ऐसे समय में की जाएगी, जब तेहरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते के तीनों पक्षों ने समझौते में ‘स्नैपबैक’ नाम की व्यवस्था के तहत उन प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की धमकी दी है।

इरना ने कहा कि यूरोपीय संघ के मुख्य राजनयिक भी इस कॉल में शामिल होंगे।

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ईरानी कार्यक्रम को लेकर यूरोपीय देशों की चिंता तब से और बढ़ गई है, जब से तेहरान ने ईरान-इजराइल संघर्ष के बाद अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ सभी प्रकार के सहयोग बंद कर दिए हैं। ईरान जून में 12 दिनों के ईरान-इजराइल युद्ध से पहले यूरेनियम का हथियार-स्तर तक संवर्घन कर रहा था। उक्त युद्ध के दौरान ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की गई थी। तेहरान ने संघर्ष के चलते अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ अपना पूरा सहयोग समाप्त कर दिया।

इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ईरान के कार्यक्रम की निगरानी बंद हो गई। साथ ही 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित यूरेनियम के उसके भंडार की स्थिति की निगरानी भी, जो 90 प्रतिशत के हथियार-स्तर तक पहुंचने के बहुत करीब है।

ईरान लंबे समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है। हालांकि, वह उस स्तर पर यूरेनियम संवर्धन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र है। अमेरिका, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और अन्य का आकलन है कि ईरान का परमाणु हथियार कार्यक्रम 2003 तक चला था।

आठ अगस्त को लिखे एक पत्र में, तीनों यूरोपीय देशों ने ईरान को चेतावनी दी थी कि अगर तेहरान परमाणु मुद्दे का ‘‘संतोषजनक समाधान’’ नहीं निकाल पाया, तो वे ‘स्नैपबैक’ की नीति अपनाएंगे। यह समय सीमा 31 अगस्त है और ईरान के पास यूरोपीय देशों के साथ किसी समझौते पर पहुंचने के लिए बहुत कम समय बचा है।

आईएईए की पहुंच बहाल करना वार्ता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ईरान ने इजराइल के साथ युद्ध के लिए आंशिक रूप से संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, आईएईए को दोषी ठहराया है। हालांकि, ईरान ने इसके समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। आईएईए ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तिमाही रिपोर्ट जारी करती है और 2015 में हुए समझौते ने एजेंसी को इस कार्यक्रम पर नजर रखने के लिए अधिक पहुंच प्रदान की थी।

ईरान ने आईएईए महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रोसी को ईरान आने पर गिरफ़्तार करने की धमकी भी दी है, जिससे वार्ता और अधिक जटिल हो गई है। ग्रोसी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद की दौड़ में उतरने पर विचार कर रहे हैं।

एपी अमित दिलीप

दिलीप


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