(जीशान हैदर)
तेल अवीव, एक दिसंरब (भाषा) इजराइल, ईरान के साथ संभावित संघर्षों के लिए ‘गंभीरता से’ अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है। एक शीर्ष इजराइली जनरल ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इजराइल रक्षा मंत्रालय (आईएमओडी) के महानिदेशक मेजर जनरल (रिजर्व) अमीर बारम ने यहां तेल अवीव विश्वविद्यालय में दूसरे अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रौद्योगिकी सप्ताह का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने इजराइल की भू-राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘सभी मोर्चे अब भी खुले हैं, और हमारे दुश्मन सीख रहे हैं और तैयारी कर रहे हैं। यह संक्रमण काल अनिश्चितता और जोखिम लेकर आता है, लेकिन उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर भी लेकर आता है जो इस क्षण को समझते हैं।’’
मेजर जनरल (रिजर्व) बारम हाल के महीनों में इजराइल द्वारा एक साथ कई मोर्चे पर लड़ने का संदर्भ दे रहे थे। इजराइल ने इस साल जून में ईरान के साथ 12 दिनों तक युद्ध लड़ा था और साथ ही गाजा में हमास से भी जूझ रहा था। लेबनान में हिजबुल्ला के अलावा, यमन के हूती भी एक और चुनौती बनकर उभरे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ईरान के साथ संभावित टकरावों के लिए अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसमें रक्षात्मक और आक्रामक दोनों क्षमताएं शामिल हैं, साथ ही अतिरिक्त परिचालन क्षमताओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।’’
उन्होंने रणनीति और प्रौद्योगिकी दोनों में अनुकूलन की आवश्यकता को रेखांकित किया और चेतावनी दी कि, ‘‘जो कोई भी परिस्थितियों से मुकाबला करने में विफल होता है, वह अंततः पीछे छूट जाता है।’’
इजराइल के रक्षा मंत्रालय (आईएमओडी) में रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल (रिजर्व) डैनियल गोल्ड ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आयरन बीम’ के नाम से जानी जाने वाली एक नयी लेजर प्रणाली 30 दिसंबर को सेना को सौंप दी जाएगी जिसका इस्तेमाल दुश्मनों के हथियारों को बेअसर करने के लिए किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ विकास कार्य पूरा कर व्यापक परीक्षण किया जाएगा और प्रणाली की क्षमताओं की पुष्टि होने के बाद, हम 30 दिसंबर, 2025 तक आईडीएफ को यह प्रणाली इस्तेमाल के लिए सौंपने के लिए तैयार हैं।’’
मेजर जनरल (रिजर्व) बारम ने उल्लेख किया कि इजराइल वर्षों से विश्वभर में ‘साइबर राष्ट्र’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने साथ ही घोषणा की कि इजराइल वास्तविक ‘रक्षा-तकनीक राष्ट्र’ के रूप में विकसित हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा नवाचार अब उन्नत क्षमताओं के साथ विस्तृत क्षेत्रों में तक फैला हुआ है जिनमें हवाई रक्षा प्रणालियां, मानव रहित वाहन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, क्वांटम-प्रतिरोधी संचार, खुफिया और निगरानी प्रणालियां, साइबर रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
मेजर जनरल (रिजर्व) बारम ने कहा कि अकेले 2024 में, इजराइल ने अरबों डॉलर के 21 सरकारी समझौतों पर हस्ताक्षर किए, और रक्षा मंत्रालय ने अकेले स्टार्टअप्स में 1.2 अरब शेकेल (इजराइली मुद्रा) का निवेश किया।
भाषा धीरज नरेश
नरेश