इजराइल ने नॉर्वे और आयरलैंड के फलस्तीन को देश का दर्जा देने के फैसले पर अपने राजदूतों को वापस बुलाया |

इजराइल ने नॉर्वे और आयरलैंड के फलस्तीन को देश का दर्जा देने के फैसले पर अपने राजदूतों को वापस बुलाया

इजराइल ने नॉर्वे और आयरलैंड के फलस्तीन को देश का दर्जा देने के फैसले पर अपने राजदूतों को वापस बुलाया

:   Modified Date:  May 22, 2024 / 01:59 PM IST, Published Date : May 22, 2024/1:59 pm IST

कोपेनहेगन (डेनमार्क), 22 मई (एपी) इजराइल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने आयरलैंड और नॉर्वे से देश के राजदूतों को तुरंत स्वदेश लौटने का निर्देश दिया है।

दरअसल नॉर्वे ने घोषणा की है कि वह फलस्तीन को देश का दर्जा देगा और आयरलैंड के भी फलस्तीन को देश का दर्जा देने की संभावना है। इन हालात के मद्देनजर इजराइल सरकार ने यह निर्देश दिया है।

काट्ज ने कहा कि फलस्तीन को देश का दर्जा दिए जाने से गाजा में इजराइल के बंधकों को वापस देश में लाने के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। साथ ही ‘हमास और ईरान के जिहादियों को पुरस्कृत करने’ से संघर्ष विराम की संभावना कम हो जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि स्पेन ने भी यही रुख अपनाया तो वहां से भी इजराइल के राजदूत को वापस बुला लिया जाएगा।

इससे पहले बुधवार को नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार स्तूर ने कहा, ‘‘अगर मान्यता नहीं दी गयी तो पश्चिम एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती।’’

उन्होंने कहा कि नॉर्वे 28 मई तक फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दे देगा।

यूरोपीय संघ के कई देशों ने पिछले सप्ताहों में संकेत दिया है कि वे मान्यता देने की योजना बना रहे हैं, उनकी दलील है कि क्षेत्र में शांति के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान आवश्यक है।

नॉर्वे इजराइल और फलस्तीन के बीच द्वि-राष्ट्र समाधान का कट्टर समर्थक रहा है। वह यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर उसका रुख भी यूरोपीय संघ के अन्य सदस्यों के समान है।

नॉर्वे सरकार के मंत्री ने कहा, ‘‘हमास और आतंकवादी समूहों ने आतंक फैलाया है जो द्वि-राष्ट्र समाधान और इजराइल सरकार के समर्थक नहीं हैं।’’

नॉर्वे के प्रधानमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘फलस्तीन को एक स्वतंत्र देश का दर्जा देना मौलिक अधिकार है।’

एपी। प्रीति शोभना

शोभना

 

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