माउंट एवरेस्ट की संयुक्त नपाई नेपाल के साथ संबंधों में नया मील का पत्थर : चीन

माउंट एवरेस्ट की संयुक्त नपाई नेपाल के साथ संबंधों में नया मील का पत्थर : चीन

माउंट एवरेस्ट की संयुक्त नपाई नेपाल के साथ संबंधों में नया मील का पत्थर : चीन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: December 9, 2020 12:32 pm IST

बीजिंग, नौ दिसंबर (भाषा) चीन ने नेपाल के साथ मिलकर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने के संयुक्त प्रयास को बुधवार को दोनों देशों के बीच मित्रता में मील का नया पत्थर बताया। इसके सरकारी मीडिया ने कहा कि यह कुछ बचे द्विपक्षीय विवादों के समाधान के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

माउंट एवरेस्स्ट को फिर से नापने के बाद नेपाल और चीन ने मंगलवार को संयुक्त रूप से घोषणा की कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी अब 86 सेंटीमीटर और ऊंची है और अब इसकी ऊंचाई 8848.86 मीटर है। भारत ने छह दशक पहले 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापी थी।

माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई से दोनों पड़ोसियों के बीच दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की ऊंचाई को लेकर दशकों पुराने विवाद का अंत हो गया।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘‘माउंट कोमोलांगमा की नई ऊंचाई चीन-नेपाल मित्रता में मील का नया पत्थर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस वर्ष दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की 65वीं वर्षगांठ है। समन्वित प्रयासों के साथ बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) सहयोग धीरे-धीरे आगे बढ़ा है।’’

झाओ ने कहा, ‘‘माउंट कोमोलांगमा की नई ऊंचाई चीन-नेपाल सहयोग में नई ऊंचाई का प्रतीक है।’’

संयुक्त सर्वेक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है कि चीन का मत 2018 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर नेपाल से भिन्न था।

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा


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