वाशिंगटन, 23 मई (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं से केन्या और अन्य विकासशील देशों को नुकसान पहुंचा रहे भारी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है।
इस अफ्रीकी देश के किसी नेता द्वारा 15 वर्ष में की गयी यह अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा है।
इस कार्रवाई का आह्वान (जिसे नैरोबी-वाशिंगटन दृष्टिकोध कहा जाता है) ऐसे समय में किया गया जबकि राष्ट्रपति बाइडन अफ्रीकी देशों से अपनी इस अपील पर जोर दे रहे हैं कि अमेरिका आर्थिक प्रतिद्वंद्वी चीन की तुलना में बेहतर भागीदार हो सकता है।
बीजिंग अफ्रीका महाद्वीप में अपना निवेश बढ़ा रहा है। यह काम अक्सर उच्च-ब्याज दर पर ऋण देकर और अन्य कठिन वित्तीय शर्तों के साथ किया जा रहा है।
बाइडन और रूटो चाहते हैं कि ऋणदाता देश उन विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण बाधाओं को कम करें जो उच्च ऋण बोझ की वजह से लाचार हैं। वे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से बेहतर वित्तपोषण शर्तें प्रदान करने वाले बहुपक्षीय बैंकों और संस्थानों के माध्यम से ऋण राहत और समर्थन का समन्वय करने का भी आह्वान करते हैं।
व्हाइट हाउस ने संकट का सामना कर रहे गरीब देशों की सहायता के लिए विश्व बैंक के अंग के तहत, अंतरराष्ट्रीय विकास संघ के लिए 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान की भी घोषणा की।
बाइडन और रुटो बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस के साउथ लॉन के मंडप में राजकीय रात्रिभोज से पहले औपचारिक वार्ता और एक संयुक्त समाचार सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
केन्या का ऋण के मुकाबले जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का अनुपात 70 प्रतिशत से ऊपर है, जिसमें से बड़ा हिस्सा चीन द्वारा दिया गया कर्ज है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान है कि केन्या इस साल अपने सरकारी राजस्व का लगभग एक तिहाई सिर्फ ब्याज भुगतान पर खर्च करेगा।
रुटो ने बुधवार को कहा कि बाइडन के साथ उनकी बातचीत में इस बात पर चर्चा होगी कि ‘कैसे हम एक निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली बना सकते हैं जहां सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो।’
व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन बृहस्पतिवार को कांग्रेस को यह भी सूचित कर रहे थे कि वह केन्या को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के तौर नामित करेंगे।
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शुभम माधव
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