किर्गिस्तान के राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

किर्गिस्तान के राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा

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  • Publish Date - October 15, 2020 / 01:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

मॉस्को, 15 अक्टूबर (एपी) मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में विवादित संसदीय चुनाव के बाद से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल को खत्म करने की कोशिश के तहत राष्ट्रपति सूरोनबई जीनबेकोव ने बृहस्पतिवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की।

प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक विरोधियों ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी।

जीनबेकोव ने अपने कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा कि सत्ता में बने रहना ‘‘हमारे देश की अखंडता और समाज में सौहार्द्र को बचा नहीं पाएगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये किर्गिस्तान में शांति, देश की अखंडता, हमारे लोगों की एकता और समाज में शांति सर्वोपरि है। ’’ जीनबेकोव ने बयान में कहा, ‘‘मैं इतिहास के पन्नों में एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में दर्ज नहीं होना चाहता जिसने अपने ही नागरिकों पर गोलियां चलवाई हो और खून बहाया हो। ’’

चीनी की सीमा से लगे किर्गिस्तान की आबादी 65 लाख है। देश में चार अक्टूबर को चुनाव होने के बाद से अव्यवस्था की स्थिति है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि वोट खरीदे गये और चुनाव में धांधली हुई।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों पर कब्जा कर लिया, कुछ कार्यालयों में लूटपाट की और केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया। फिर, विपक्ष ने जीनबेकोव को पद से हटाने और एक नयी सरकार गठित करने की योजना की घोषणा की।

अधिकारियों ने सप्ताहांत में बिश्केक की सड़कों पर सेना उतार दी और कर्फ्यू लगा दिया।

इस बीच, माहौल को शांत करने के लिये जीनबेकोव ने बुधवार को सदयर झापारोव को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने और उनके नये मंत्रिमंडल के गठन को मंजूरी दी। झापारोव को पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारियों ने जेल से मुक्त कराया था। झापारोव ने अपने समर्थकों से जीनबेकोव पर इस्तीफे के लिये दबाव बनाने का वादा किया था।

बुधवार को झापारोव के हजारों समर्थकों ने राजधानी में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की और उनके आवास पर धावा बोलने की भी धमकी दी थी।

किर्गिस्तान सोवियत संघ के विघटन के कारण अलग देश बना था और यह इस पूर्व संघ के सबसे गरीब देशों में एक है।

एपी सुभाष पवनेश

पवनेश