नहीं थम रहा कोरोना का संक्रमण, चीन के इस शहर में लगाया गया लॉकडाउन, 55 लाख से ज्यादा लोग घरों में कैद

फरवरी में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अधिकारियों ने अब आन्यांग शहर में भी लॉकडाउन लगा दिया है जो जियान और तियानजिन के बाद इस तरह के प्रतिबंधों का सामना करने वाला तीसरा शहर है। देश के हेनान प्रांत स्थित 55 लाख की आबादी वाले शहर आन्यांग ने अपने महामारी नियंत्रण उपायों को कड़ा किया है।

नहीं थम रहा कोरोना का संक्रमण, चीन के इस शहर में लगाया गया लॉकडाउन, 55 लाख से ज्यादा लोग घरों में कैद

Lockdown Imposed in 33 Cities of China

Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 pm IST
Published Date: January 11, 2022 6:46 pm IST

बीजिंग : Lockdown imposed in this city फरवरी में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अधिकारियों ने अब आन्यांग शहर में भी लॉकडाउन लगा दिया है जो जियान और तियानजिन के बाद इस तरह के प्रतिबंधों का सामना करने वाला तीसरा शहर है। देश के हेनान प्रांत स्थित 55 लाख की आबादी वाले शहर आन्यांग ने अपने महामारी नियंत्रण उपायों को कड़ा किया है।

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Lockdown imposed in this city पर्यटन केंद्र जियान और तियानजिन बंदरगाह शहर के बाद आन्यांग लॉकडाउन का सामना करने वाला तीसरा शहर है, जहां पिछले कुछ दिनों में ओमीक्रोन से जुड़े मामलों का पता चला है। इससे चीन की ‘शून्य कोरोना वायरस मामले नीति’ के लिए खतरा पैदा हुआ है। आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को बताया कि शनिवार को पहला मामला सामने आने के बाद से आन्यांग में संक्रमण के 84 मामले सामने आए हैं, जो स्थानीय प्रसार से जुड़े हैं।

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संक्रमण के मामलों में वृद्धि चार से 20 फरवरी तक होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले हो रही है। इस बीच, देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को कहा कि चीनी मुख्य भूमि के विभिन्न स्थानों पर लगभग 200 मामले सामने आए हैं, जिनमें 110 स्थानीय प्रसार से जुड़े हैं।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।