लॉकहीड मार्टिन ने भारतीय वायु सेना के लिए सी-130जे को ‘सर्वश्रेष्ठ’ विकल्प बताया, भारत में उत्पादन केंद्र की योजना
लॉकहीड मार्टिन ने भारतीय वायु सेना के लिए सी-130जे को 'सर्वश्रेष्ठ' विकल्प बताया, भारत में उत्पादन केंद्र की योजना
(मानस प्रतिम भुइयां)
मैरिएटा (अमेरिका), 28 दिसंबर (भाषा) करीब 80 सैन्य परिवहन विमान खरीदे जाने की भारत की तैयारी के बीच अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने अपने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस को सर्वश्रेष्ठ विकल्प के रूप में पेश करते हुए कहा है कि विमानों का एक अतिरिक्त बेड़ा ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के बीच सामरिक हवाई परिचालन में भारत को ‘‘मजबूत’’ ताकत प्रदान करेगा।
लॉकहीड मार्टिन के शीर्ष अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यदि लॉकहीड मार्टिन को मौका मिलता है, तो वह भारत में इस विमान के उत्पादन के लिए एक बड़ा केंद्र स्थापित करेगा और यह अमेरिका के बाहर इस तरह की पहली वैश्विक सुविधा होगी।
अब तक लॉकहीड मार्टिन सी-130जे सुपर हरक्यूलिस श्रेणी के 560 से अधिक विमानों की आपूर्ति कर चुकी है, जिन्होंने 30 लाख से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए हैं। यह अग्रणी सामरिक परिवहन विमान 23 देशों में 28 संचालकों को सेवा दे रहा है।
भारतीय वायु सेना वर्तमान में 12 सी-130जे विमानों का संचालन करती है।
भारत के अलावा क्वाड के तीन अन्य सदस्य देश-अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान-भी सी-130जे का संचालन कर रहे हैं।
लॉकहीड मार्टिन में हवाई गतिशीलता और समुद्री मिशन की उपाध्यक्ष पेट्रिशिया ट्रिश पेगन ने कहा, ‘‘सी-130जे सुपर हरक्यूलिस हर कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन और क्षमताएं प्रदान करता है। यह विमान भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प होगा।’’
भारतीय वायु सेना ने 2022 में सोवियत काल के अपने पुराने एएन-32 और आईएल-76 विमानों के स्थान पर मध्यम परिवहन विमान (एमटीए) खरीदने के लिए सूचना अनुरोध (आरएफआई) जारी किया था।
भारतीय वायु सेना करीब 80 सैन्य परिवहन विमान खरीदने की योजना बना रही है और कई अरब डॉलर की इस खरीद को अगले कुछ सप्ताह में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) से मंजूरी मिलने की संभावना है।
अमेरिकी रक्षा कंपनी ने सी-130जे सुपर हरक्यूलिस कार्यक्रम के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ साझेदारी की है।
लॉकहीड मार्टिन एरोनॉटिक्स में रखरखाव संचालन के उपाध्यक्ष रोडरिक मैक्लीन ने कहा कि एमटीए कार्यक्रम भारत-अमेरिका साझेदारी को ‘‘नयी रणनीतिक मूल्य’’ दे सकता है, क्योंकि इससे दोनों पक्ष रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत कर सकेंगे।
मैक्लीन ने यह भी कहा कि इतिहास में सी-130जे जैसा प्रासंगिक और बहु उपयोगी सामरिक परिवहन विमान कोई नहीं है, क्योंकि इसमें 70 वर्षों से अधिक समय से हुए नवोन्मेष शामिल हैं और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नयी विशेषताएं भी जोड़ी जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सी-130जे विमानों का महत्व उनके केवल आज के कार्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि निरंतर नवोन्मेष के माध्यम से उनकी भावी क्षमताओं में भी निहित है। इससे भारतीय वायु सेना लॉकहीड मार्टिन के साथ भागीदारी करके कंपनी की ताकत का लाभ भी उठा सकेगी।’’
मैक्लीन ने कहा कि एमटीए कार्यक्रम सी-130जे बेड़े के भविष्य के विस्तार के लिए बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा, ‘‘यह 70 वर्षों के इतिहास में सी-130 के लिए सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय अवसर है।’’
लॉकहीड मार्टिन एरोनॉटिक्स में वायु गतिशीलता और समुद्री मिशन के व्यवसाय विकास के उपाध्यक्ष रॉबर्ट टोथ ने कहा कि सी-130जे दुनिया भर में ‘आशा का प्रतीक’ है और भारत के एमटीए कार्यक्रम के लिए यह सही विकल्प होगा।
उन्होंने कहा कि सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का रिकॉर्ड अच्छा है और भारतीय वायु सेना पिछले कई वर्षों से इसे विभिन्न मिशन में इस्तेमाल कर रही है।
टोथ ने कहा कि भारत में इस विमान के लिए मैरिएटा के बाहर पहला बड़ा उत्पादन केंद्र स्थापित करने की लॉकहीड मार्टिन की योजना बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक बने 2,700 से अधिक सी-130 विमानों में से केवल पहले दो प्रोटोटाइप (नमूना) विमान मैरिएटा के बाहर बने थे। वे कैलिफोर्निया के बरबैंक में बने थे।’’
टोथ ने कहा कि प्रस्तावित उत्पादन केंद्र से अन्य बाजारों में निर्यात की संभावनाओं के लिए भी रास्ते खुलेंगे।
टोथ ने कहा कि भारत द्वारा सी-130जे सुपर हरक्यूलिस का अतिरिक्त बेड़ा लेने से उसे क्वाड में बढ़त मिलेगी।
उन्होंने साथ ही कहा कि लॉकहीड मार्टिन कंपनी अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत को विमान कहीं तेजी से दे सकेगी।
टोथ ने कहा कि कंपनी के पास वैश्विक मांग के अनुसार, उत्पादन दर बढ़ाने की क्षमता है।
भाषा सिम्मी दिलीप
दिलीप

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