भीड़ के मीडिया को निशाना बनाने से जीवन का अधिकार खतरे में: बांग्लादेशी पत्रकारों ने कहा

भीड़ के मीडिया को निशाना बनाने से जीवन का अधिकार खतरे में: बांग्लादेशी पत्रकारों ने कहा

भीड़ के मीडिया को निशाना बनाने से जीवन का अधिकार खतरे में: बांग्लादेशी पत्रकारों ने कहा
Modified Date: December 23, 2025 / 12:24 am IST
Published Date: December 23, 2025 12:24 am IST

ढाका, 22 दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्रों के संपादकों ने सोमवार को कहा कि देश में मीडिया अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और अभिव्यक्ति की आजादी के बजाय अब मुख्य मुद्दा जीवित रहने का अधिकार है।

ये टिप्पणियां बृहस्पतिवार रात ढाका में ‘प्रोथोम आलो’ और ‘द डेली स्टार’ अखबारों के कार्यालयों में भीड़ द्वारा तोड़फोड़ और आगजनी की घटना के बाद आई हैं।

घटना के दौरान कई पत्रकार और कर्मचारी घंटों तक अंदर फंसे रहे क्योंकि पुलिस और अग्निशमन कर्मियों को शुरू में घटनास्थल पर पहुंचने से रोक दिया गया था।

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‘डेली स्टार’ के संपादक और प्रकाशक महफूज अनम ने वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं, व्यापार जगत की हस्तियों और मीडिया संस्थानों के मालिकों की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब मुख्य मुद्दा नहीं है। अब मुद्दा जीवित रहने का अधिकार है।’

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मीडिया अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।

अनम ने कहा कि ये हमले विशिष्ट समाचार पत्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं थे बल्कि पत्रकारों और कर्मचारियों को जान से मारने के उद्देश्य से किए गए थे।

इस बीच, ढाका महानगर पुलिस (डीएमपी) ने देर से किये अपने हस्तक्षेप का बचाव करते हुए कहा कि तत्काल कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ सकती थी।

डीएमपी के अतिरिक्त आयुक्त नज़्रुल इस्लाम ने पत्रकारों से कहा, ‘हमने वहां कार्रवाई इसलिए नहीं की ताकि किसी की जान न जाए।’

भाषा

शुभम सुभाष

सुभाष


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