बोस्टन, 18 सितंबर (भाषा) शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए एक नयी रैपिड जांच पद्धति विकसित की है। इस तरीके से एक घंटे से भी कम समय में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है और इसके लिए बहुत कम उपकरण की जरूरत होगी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि ‘स्टॉप कोविड’ नामक नयी जांच पद्धति काफी सस्ती होगी जिससे कि लोग हर दिन जांच करा सकेंगे। अनुसंधान करने वाली टीम में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिक भी थे।
‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन’ में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि नयी जांच विधि 93 प्रतिशत संक्रमित मामलों का पता लगा सकती है। पारंपरिक जांच पद्धति में भी यही दर है ।
अध्ययन के सह लेखक और एमआईटी के वैज्ञानिक उमर अबुदैया ने बताया, ‘‘हमें रैपिड जांच को मौजूदा स्थिति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना होगा ताकि लोग हर दिन खुद ही जांच करा लें। इससे महामारी की रफ्तार को घटाने में मदद मिलेगी।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने उम्मीद जतायी कि जांच किट को आगे इस तरह तैयार कर लिया जाएगा कि इसका कार्यालय, अस्पताल, स्कूल, घर कहीं पर भी इस्तेमाल हो सकेगा।
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ‘स्टॉप कोविड’ जांच के नए संस्करण में किसी मरीज के नमूने में वायरस की आनुवंशिक सामग्री के साथ मैग्नेटिक बीड्स के जरिए संक्रमण का पता लगाया जाएगा।
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस तरीके से जांच की संवेदनशीलता बढ़ जाती है । मानक जांच पीसीआर पद्धति में भी यही तरीका अपनाया जाता है।
अध्ययन के एक और सह लेखक जोनाथन गुटेनबर्ग ने कहा, ‘‘बीड्स पर वायरल जीनोम लेने के बाद हमने पाया कि जांच की संवेदनशीलता काफी बढ़ जाती है।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने स्टॉप कोविड पद्धति से मरीजों के 402 नमूने की जांच की । जांच में इसने 93 प्रतिशत संक्रमित मरीजों का पता लगाया ।
भाषा आशीष शाहिद
शाहिद
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)