अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता : भारत

अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता : भारत

अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता : भारत
Modified Date: November 22, 2023 / 12:57 am IST
Published Date: November 22, 2023 12:57 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 21 नवंबर (भाषा) भारत ने चीन पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पारदर्शी और न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए तथा अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जो ऋण जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में दूत आर मधुसूदन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना : सामान्य विकास के माध्यम से स्थायी शांति को बढ़ावा देना’ नामक विषय पर आयोजित एक खुली बहस में कहा, ‘‘यदि संसाधनों की कमी बनी रही तो विकास एक दूर का सपना है। इसलिए, भारत ने जी20 की अपनी मौजूदा अध्यक्षता सहित विभिन्न मंचों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार की दिशा में काम किया।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय समिति की यह बैठक चीन की इस महीने की अध्यक्षता में हुई।

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मधुसूदन ने कहा कि जैसा कि बैठक के अवधारणा पत्र से पता चलता है, ‘‘हमें पारदर्शी और न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए और अस्थिर वित्तपोषण के खतरों के संबंध में सतर्क रहना चाहिए जो ऋण जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है।’’

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तीन स्तंभों- शांति एवं सुरक्षा, विकास और मानवाधिकारों की परस्पर निर्भरता को शामिल किया जाना चाहिए।

मधुसूदन ने कहा, ‘‘सुरक्षा वास्तव में बहुआयामी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों के लिए अनिवार्य पहलुओं सहित हर पहलू में सुरक्षा परिषद की भागीदारी उचित नहीं हो सकती।’’

भाषा रवि कांत नेत्रपाल

नेत्रपाल


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