पशुपतिनाथ धर्मशाला में अवैध रूप से चल रहा था होटल, मामले की जांच के लिये समिति गठित |

पशुपतिनाथ धर्मशाला में अवैध रूप से चल रहा था होटल, मामले की जांच के लिये समिति गठित

नेपाल सरकार ने पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारत की सहायता से निर्मित एक सरकारी धर्मशाला में होटल चलाए जाने के मामले में विवादास्पद निजी कंपनी की अवैध संलिप्तता की जांच के लिये एक समिति का गठन किया है।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : January 8, 2022/11:07 pm IST

काठमांडू, 8 जनवरी (भाषा) नेपाल सरकार ने पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भारत की सहायता से निर्मित एक सरकारी धर्मशाला में होटल चलाए जाने के मामले में विवादास्पद निजी कंपनी की अवैध संलिप्तता की जांच के लिये एक समिति का गठन किया है। पशुपतिनाथ मंदिर देश में हिंदू तीर्थयात्रियों के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक है।

पांचवीं शताब्दी के मंदिर के प्रबंधन संबंधी मामलों के लिए जिम्मेदार पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) के अधिकारियों के अनुसार संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पीएडीटी के कोषाध्यक्ष नारायण प्रसाद सुबेदी के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया।

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आशा पांडेय, बिश्वोकरण जयन, देवी प्रसाद बराल और पर्यटन मंत्रालय में एक अवर सचिव समिति के अन्य सदस्य हैं। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के कार्यकाल के दौरान सरकारी स्वामित्व वाली पशुपति धर्मशाला में होटल चलाने के मामले में बतास समूह की अवैध संलिप्तता की जांच शुरू की है। यह धर्मशाला पशुपतिनाथ मंदिर के आगंतुकों के लिये एक धार्मिक विश्राम गृह है।

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पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है। यह बागमती नदी के दोनों किनारों पर फैला है और प्रतिदिन नेपाल और भारत के हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।

पीएडीटी ने धर्मशाला को तीन साल पहले बतास समूह की सहायक कंपनी होटल आनंद प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दिया था। इस समूह पर धर्मशाला में एक व्यावसायिक होटल चलाने और इसका इस्तेमाल करने के लिए तीर्थयात्रियों से बड़े पैमाने पर शुल्क वसूलने का आरोप है।

 

 
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