नेपाल सरकार ने राजशाही समर्थक आंदोलन की वजह से काठमांडू में प्रदर्शनों पर रोक लगाई

नेपाल सरकार ने राजशाही समर्थक आंदोलन की वजह से काठमांडू में प्रदर्शनों पर रोक लगाई

नेपाल सरकार ने राजशाही समर्थक आंदोलन की वजह से काठमांडू में प्रदर्शनों पर रोक लगाई
Modified Date: June 1, 2025 / 10:13 pm IST
Published Date: June 1, 2025 10:13 pm IST

(शिरिष बी प्रधान)

काठमांडू, एक जून (भाषा)नेपाल सरकार ने राजशाही समर्थकों के आंदोलन के मद्देनजर रविवार को काठमांडू के अधिकांश हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने की घोषणा की।

काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि काठमांडू रिंग रोड क्षेत्र के तीन स्थानों – कोटेश्वर, बल्खू और सिफाल मैदान को छोड़कर अन्य स्थानों पर धरना, अनशन, विरोध, सार्वजनिक समारोह और प्रदर्शन प्रतिबंधित होगा।

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अधिसूचना के मुताबिक यह पाबंदी दो जून से अगले दो महीने तक प्रभावी रहेगी। इसमें कहा गया कि यह प्रतिबंध प्रदर्शनकारियों द्वारा व्यापारिक गतिविधियों और परिवहन सेवाओं में संभावित व्यवधान से बचने के लिए लगाया गया है।

हालांकि, यह अधिसूचना जिला प्रशासन कार्यालय के समन्वय से आयोजित अन्य कार्यक्रमों पर प्रभावी नहीं होगी।

इस बीच, पुलिस ने पूर्व गृह मंत्री कमल थापा सहित सात राजशाही समर्थकों को रिहा कर दिया है। इन्हें रविवार दोपहर काठमांडू में प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश करने पर हिरासत में लिया गया था।

राजशाही और हिंदू देश का दर्जा दोबारा बहाल करने की मांग को लेकर राजशाही समर्थक बृहस्पतिवार से अनिश्चितकालीन विरोध कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें ले रखी थीं और प्रधानमंत्री के पी ओली के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक राजशाही बहाल नहीं हो जाती, वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

भाषा धीरज नरेश

नरेश


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