नेपाल का एलजीबीटीक्यू समुदाय अमेरिकी वित्तीय मदद में कटौती से अधर में

नेपाल का एलजीबीटीक्यू समुदाय अमेरिकी वित्तीय मदद में कटौती से अधर में

नेपाल का एलजीबीटीक्यू समुदाय अमेरिकी वित्तीय मदद में कटौती से अधर में
Modified Date: May 1, 2025 / 03:52 pm IST
Published Date: May 1, 2025 3:52 pm IST

काठमांडू, एक मई (एपी) नेपाल के परिचय समाज केंद्र के गेट पर ताला लगा है जो एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकारों की वकालत करता है और उनका समर्थन करता है।

ताले लगे प्रवेश द्वार पर एक सूचनापट लगा है जिसपर लिखा है कि वे अब मदद करने में असमर्थ हैं। केंद्र के कर्मचारी और स्वयंसेवक भी चले गए हैं।

यह स्थिति अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप के आसीन होने के बाद उत्पन्न हुई है क्योंकि उनके प्रशासन ने मानवीय सहायता करने वाली अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएस एड) के कार्यों को सीमित करना शुरू किया है जो नेपाल के एलजीबीटीक्यू+ (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर और वे सभी जिनका यौन झुकाव सामाजिक मान्यताओं से इतर है) समुदाय की प्रमुख वित्तीय मददगार रही है।

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यूएस एड के कोष में कटौती से हजारों लोग बिना किसी सहारे के रहने को मजबूर हैं।

यह नेपाल के बढ़ते समलैंगिक समुदाय के लिए एक अभूतपूर्व झटका है, जिसने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

सार्वजनिक तौर पर स्वयं को समलैंगिक घोषित कर चुके पूर्व सांसद और अग्रणी एलजीबीटीक्यू+ समुदाय अधिकार कार्यकर्ता सुनील बाबू पंत ने कहा, ‘‘यह एक बड़ा संकट है। जब समुदाय को परामर्श या सहायता की आवश्यकता है, वह अनुपस्थित है। लोग फिर से एकांत में जा रहे हैं।’’

पिछले कुछ सालों में नेपाल के एलजीबीटीक्यू+ समुदाय ने अपने अधिकारों को सुरक्षित करने में तेजी से प्रगति की है। नेपाल एशिया में समलैंगिक विवाह को अनुमति देने वाला पहला देश बन गया है। इस देश में 2015 में अपनाए गए संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यौन झुकाव के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।

एलजीबीटीक्यू+ अधिकार अभियान के लिए अमेरिका सबसे बड़े दानदाताओं में से एक था।

एपी धीरज अविनाश वैभव

वैभव


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