धरती के इतिहास में सामने आया नया कालखंड, शोधकर्ताओं ने नाम दिया मेघालय युग, जानिए पूरी बात

धरती के इतिहास में सामने आया नया कालखंड, शोधकर्ताओं ने नाम दिया मेघालय युग, जानिए पूरी बात

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  • Publish Date - July 19, 2018 / 08:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

लंदन। जल्द ही पाठक्रम में एक नया कोर्स जुड़ सकता है। धरती का इतिहास पढ़ते वक्त छात्र हिम युग पाषाण काल की तह मेघालय काल भी पढ़ेंगे। भूवैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने धरती के इतिहास के कालखंड में एक नए काल/युग की खोज की है। इस नई खोज के तार भारत के मेघालय से जुड़े हैं। 4200 साल पहले इतिहास के इस कालखंड को वैज्ञानिकों ने मेघालय युग/काल नाम दिया है। इस दौरान दुनियाभर में अचानक ही भयंकर सूखा पड़ा था और तापमान में भारी गिरावट आई थी। कहा जा रहा है कि इस कारण तब विश्व की कई सभ्यताएं खत्म हो गई थीं।

बताया गया कि शोधकर्ताओं ने, जिनमें कई देशों के भूवैज्ञानिक शामिल थे, मेघालय की एक गुफा की छत से टपक-टपक कर जमीन पर जमा हुए चूने के ढेर(स्टैलैगमाइट) को जमा किया। फिर उस पर जब रिसर्च किया तो इसने धरती के इतिहास में घटी इस सबसे छोटी जलवायु घटनाक्रम को परिभाषित करने में मदद की। यही कारण है कि इस कालखंड को मेघालयन एज या मेघालय काल का नाम दिया गया।

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बता दें कि 4.6 अरब साल के धरती के इतिहास को अलग-अलग कई कालखंडों का नाम दिया गया है। हर कालखंड किसी न किसी महत्वपूर्ण घटना जैसे महाद्वीपों का टूटना, पर्यावरण में नाटकीय बदलाव या धरती पर खासतरह के जानवरों, पौधों की उत्पत्ति पर आधारित है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार जिस वर्तमान काल में हम रहे हैं, उसे होलोसीन युग के नाम से जाना जाता है। इसमें पिछले 11700 सालों का इतिहास शामिल है, तब से ज मौसम में पैदा हुई एक नाटकीय गर्मी की वजह से हम हिम युग से बाहर आए थे।

इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में सबसे युवा मेघालय युग‘ को ही माना जा रहा है। इसकी शुरुआत भयंकर सूखे से हुई थी। इस सूखे का असर दो शताब्दियों तक रहा। वैज्ञानिकों के मुताबिक अंतिम हिम युग की समाप्ति के बाद कई क्षेत्रों में विकसित हुए कृषि आधारित समाज पर इस मौसमी घटना ने गंभीर प्रभाव डाला था। इसके परिणामस्वरूप मिस्र, यूनान, सीरिया, फलस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंघु घाटी और यांग्त्से नदी घाटी की सभ्यताएं प्रभावित हुईं।

वेब डेस्क, IBC24