(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 17 सितंबर (भाषा) पाकिस्तानी सिख नेताओं और ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ ने बुधवार को भारत सरकार से 22 सितंबर को करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में गुरु नानक देव की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सिख तीर्थयात्रियों को शामिल होने की अनुमति देने का आग्रह किया।
भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार संस्था ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण भारत से सिख श्रद्धालु यात्रा नहीं कर पा रहे हैं।
‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने भारत सरकार से सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में उनके पवित्र स्थलों की यात्रा की अनुमति देने का आग्रह करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “सिख तीर्थयात्रियों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।”
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव की पुण्यतिथि के अवसर पर 22 सितंबर को करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
पंजाब प्रांत में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष और प्रांतीय सरकार में मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने भी आग्रह किया कि सिख श्रद्धालुओं को इस कार्यक्रम के लिए यात्रा की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष महेश सिंह ने भी भारत से आने वाले सिख तीर्थयात्रियों की सुविधा की मांग दोहराई।
पाकिस्तान सरकार ने नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोला था, जो पाकिस्तान-भारत सीमा से लगभग 4.1 किलोमीटर दूर है।
यह कॉरिडोर पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ता है।
गुरुद्वारा दरबार साहिब में 16वीं शताब्दी की शुरुआत में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का निवास था और यही उनका निधन हुआ था।
चार किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में भारतीय तीर्थयात्री गुरुद्वारा दरबार साहिब में मत्था टेकने के लिए बिना वीजा आ सकते हैं।
भाषा जितेंद्र माधव
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