पाकिस्तान की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा |

पाकिस्तान की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

पाकिस्तान की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

:   Modified Date:  March 21, 2023 / 04:26 PM IST, Published Date : March 21, 2023/4:26 pm IST

इस्लामाबाद, 21 मार्च (भाषा) इस्लामाबाद की एक आतंक-रोधी अदालत (एटीसी) ने पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद के प्रावधानों के तहत दर्ज एक मामले में पेशी से छूट की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।

खान के वकील सरदार मसरूफ खान अदालत में पेश हुए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख की कानूनी टीम ने उनकी ओर से मंगलवार की पेशी से छूट के लिए अनुरोध दायर किया।

एटीसी न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास के समक्ष पेश वकील ने कहा कि इस्लामाबाद में न्यायिक परिसर में 70-वर्षीय खान की पिछली पेशी पर हुई घटना सभी के आंखों के सामने थी। वकील ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की आशंका थी।

वकील ने कहा कि खान खुद न्यायिक परिसर जाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा स्थिति ने इसकी इजाजत नहीं दी।

इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर शनिवार को उस वक्त जबर्दस्त झड़पें हुईं, जब खान तोशाखाना मामले की बहुप्रतीक्षित सुनवाई में शामिल होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे।

पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव के दौरान, 25 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने अदालत की सुनवाई को 30 मार्च तक के लिए टाल दिया।

वकील ने कहा कि खान को मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के समक्ष पेश होना है।

द न्यूज ने वकील के हवाले से कहा, ‘जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री निकलते हैं, उनके साथ हजारों कार्यकर्ता निकल आते हैं। इमरान खान आना चाहते हैं, लेकिन हर बार लोग बाहर आते हैं और हमला करते हैं और फिर उनके (खान के) खिलाफ मामले दर्ज किये जाते हैं।’

न्यायाधीश ने टिप्पणी की, ‘अगर इमरान खान दोपहर 3:30 बजे तक एलएचसी के सामने पेश होते हैं, तो ठीक है, अन्यथा फैसला लिया जाएगा।’ अदालत ने पूछा कि क्या कोई गारंटी है कि खान को यदि आज की पेशी से छूट मिलती है तो वह अगली सुनवाई की तारीख को अदालत के समक्ष पेश होंगे?

वकील ने जवाब दिया कि खान कानून का पालन करते हैं, और ‘यदि वह जिंदा रहते हैं’ तो निश्चित रूप से अदालत में पेश होंगे।

भाषा नरेश

 

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