पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज लंदन में बड़े भाई नवाज शरीफ से मिले, देश के संकट से अवगत कराया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज लंदन में बड़े भाई नवाज शरीफ से मिले, देश के संकट से अवगत कराया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज लंदन में बड़े भाई नवाज शरीफ से मिले, देश के संकट से अवगत कराया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: May 12, 2022 12:36 pm IST

इस्लामाबाद, 12 मई (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से लंदन में मुलाकात की और उन्हें उन अहम राजनीतिक, आर्थिक और प्रशासनिक मुद्दों से अवगत कराया, जिनका समाना नकदी के संकट से जूझ रहे देश को करना पड़ रहा है।

शहबाज अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बुधवार को एक निजी यात्रा पर लंदन पहुंचे।

सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने बुधवार को एक बयान में बताया कि बैठक में पिछले महीने सत्ता में आने के बाद से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से चर्चा की गई और लोगों को बिजली की समस्या तथा महंगाई से बचाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया।

 ⁠

पीएमएल-एन का प्रतिनिधिमंडल ऐसे समय लंदन पहुंचा है, जब देश में उसकी गठबंधन सरकार पर राजनीतिक एवं आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं, अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान के जल्द एक व्यापक विरोध-प्रदर्शन करने की संभावना है, जो देश में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।

समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, मरियम ने बताया कि बृहस्पतिवार को एक और बैठक की जाएगी, जिसमें देश को संकट से उबारने के लिए कड़े फैसले किए जाने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब, योजना मंत्री अहसान इकबाल, ऊर्जा मंत्री खुर्रम दस्तगीर, वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल और रेल मंत्री ख्वाजा साद रफीक शामिल हैं।

लंदन से सामने आए एक वीडियो में नवाज शरीफ (72) अपने छोटे भाई शहबाज (70) की पीठ थपथपाते नजर आ रहे हैं। दोनों भाइयों के गले मिलते हुए एक तस्वीर भी सामने आई और अन्य एक तस्वीर में वह बैठकर चर्चा करते दिख रहे हैं।

गौरतलब है कि दिसंबर 2018 में भ्रष्टाचार के दो मामलों में नवाज शरीफ को सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। वह जेल में थे, जब इलाज कराने के लिए उन्हें चार सप्ताह के लिए लंदन जाने की अनुमति दी गई, लेकिन वह वहां से फिर लौटकर नहीं आए।

भाषा निहारिका संतोष

संतोष


लेखक के बारे में