इस्लामाबाद, पांच दिसंबर (भाषा) अफगानिस्तान में पाकिस्तान के प्रभारी राजदूत उबैद-उर-रहमान निज़ामी सोमवार शाम यहां पहुंचे। तीन दिन पहले काबुल में पाकिस्तानी दूतावास परिसर में टहलने के दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने उनपर हमला किया था।
निज़ामी हमले में सुरक्षित बच गए थे लेकिन उनके सुरक्षा गार्ड गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) की खोरासन शाखा ने रविवार को ली।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सोमवार को खबर दी कि निज़ामी पहले से तय कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान आए हैं और वह विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और सलाह-मशविरा करेंगे।
खबर के मुताबिक, वह कुछ दिनों बाद काबुल लौट जाएंगे।
आईएस खुरासन शाखा ने शनिवार देर रात अरबी भाषा में जारी किए संक्षिप्त बयान में दावा किया कि उसके दो लड़ाकों ने शुक्रवार को पाकिस्तानी दूतावास के प्रभारी राजदूत और उनके सुरक्षा कर्मियों पर तब हमला किया, जब वे पाकिस्तानी दूतावास के परिसर में टहल रहे थे। इस हमले में घायल हुए उनके सुरक्षा कर्मी को हेलीकॉप्टर से पाकिस्तान लाया गया था और उनका इलाज किया जा रहा है।
इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस्लामिक स्टेट के दावे की पुष्टि करने की कोशिश कर रहा है।
विदेश कार्यालय ने कहा, ‘स्वतंत्र रूप से और अफगान अधिकारियों के परामर्श से, हम इन रिपोर्ट की सत्यता की पुष्टि कर रहे हैं।’
उसने कहा, ‘इसके बावजूद, आतंकवादी हमला उस खतरे की याद दिलाता है कि अफगानिस्तान और क्षेत्र में आतंकवाद, शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करता है।”
विदेश कार्यालय ने कहा, “ हमें इस खतरे को हराने के लिए सामूहिक तौर पर दृढ़ता से कार्रवाई करनी चाहिए।”
इस बीच डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस को भेजी गई आधिकारिक रिपोर्ट में आईएस का मुकाबला करने की तालिबान की क्षमता को लेकर संदेह व्यक्त किया गया है।
कांग्रेसी शोध सेवा (सीआरएस) की रिपोर्ट के हवाले से खबर में कहा गया है, “ विशेषज्ञ आईएसकेपी के खतरे की शक्ति और बाहरी सहायता के बिना समूह का मुकाबला करने की तालिबान की स्व-घोषित क्षमता को लेकर असहमत हैं।”
भाषा नोमान माधव
माधव
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