सिंगापुर में संसद भंग, आम चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त |

सिंगापुर में संसद भंग, आम चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त

सिंगापुर में संसद भंग, आम चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त

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Modified Date: April 15, 2025 / 02:17 PM IST
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Published Date: April 15, 2025 2:17 pm IST

सिंगापुर, 15 अप्रैल (एपी) सिंगापुर की संसद मंगलवार को भंग कर दी गई, जिससे यहां आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया। सिंगापुर में लंबे समय से सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के नेतृत्व में आगामी चुनाव में अपना प्रभुत्व मजबूत करने का प्रयास करेगी।

उम्मीद है कि चुनाव विभाग दोपहर बाद मतदान की तारीख तय करेगा। 1965 में सिंगापुर की आजादी के बाद से ही वहां का नेतृत्व करने वाली पीएपी की जीत चुनाव में लगभग तय है।

हालांकि पिछले साल मई में सिंगापुर के चौथे नेता के रूप में शपथ लेने वाले वोंग एक मजबूत जीत हासिल करना चाहते हैं, क्योंकि सरकार के प्रति मतदाताओं के बढ़ते असंतोष के कारण 2020 के चुनाव में पीएपी को झटका लगा था।

वोंग ने ली सीन लूंग का स्थान लिया था, जिन्होंने दो दशक तक पद पर रहने के बाद पद छोड़ा था।

कोविड-19 महामारी के दौरान हुए 2020 के चुनाव में, पीएपी ने 93 में से 83 सीट के साथ अपना बहुमत बनाए रखा था। हालांकि विपक्ष ने पहले के मुकाबले कुछ अधिक सीट जीती थीं, जिससे इसका संसदीय प्रतिनिधित्व छह से बढ़कर 10 हो गया था, जो अब तक का सबसे अधिक है। पीएपी का लोकप्रियता समर्थन भी 61 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया।

वोंग ने पीएपी प्रमुख के रूप में अपने पहले आम चुनाव में असंतुष्ट युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाने की कोशिश की है। उन्होंने एक ‘फॉरवर्ड सिंगापुर’ योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य सिंगापुर के लोगों को इसको लेकर अपनी राय देने का मौका देना है कि अगली पीढ़ी के लिए अधिक संतुलित, जीवंत और समावेशी एजेंडा कैसे विकसित किया जाए।

वोंग ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक दलों के बीच नहीं है, बल्कि सिंगापुर बनाम दुनिया है। हमारा मिशन… स्पष्ट है: अपने देश को स्थिरता, प्रगति और उम्मीद की एक चमकती हुई किरण बनाए रखना।’’

सिंगापुर दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक के रूप में विकसित हुआ है, लेकिन यह रहने के लिए सबसे महंगे शहरों में से एक बन गया है। पीएपी की आलोचना सख्त सरकारी नियंत्रण, मीडिया सेंसरशिप और असंतुष्टों के खिलाफ दमनकारी कानूनों के इस्तेमाल के लिए की गई है।

एपी अमित मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)