religious leader announced retirement, curfew announced in city

धर्मगुरु के संन्यास की घोषणा के बाद बिगड़े हालात, कर्फ्यू का ऐलान, 15 प्रदर्शनकारियों की मौत

religious leader announced retirement, curfew in city : धर्मगुरु ने के संन्यास की घोषणा के बाद कर्फ्यू का ऐलान, 15 प्रदर्शनकारियों...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : August 30, 2022/12:15 am IST

नई दिल्ली। religious leader announced retirement : इराक के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति से हटने की घोषणा की। इसकी प्रतिक्रिया में उनके नाराज सैकड़ों समर्थक सरकारी महल पहुंच गए। इस दौरान अल-सद्र और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कम से कम पांच प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

मिली जानकारी के अनुसार शिया धर्मगुरु की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा रोधी पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों घायल हो गए। बताया गया कि पुलिसकर्मियों ने इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें और 12 से अधिक घायल हो गए। इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने और झड़पों की आशंका को दूर करने के उद्देश्य से सोमवार को शहर भर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी।

एक बयान के अनुसार, सेना ने धर्मगुरु के समर्थकों से भारी सुरक्षा वाले सरकारी क्षेत्र से तुरंत हटने और ‘‘संघर्ष या इराकी खून बहने से रोकने के लिए’’ आत्म-संयम का पालन करने का आह्वान किया। इससे यह आशंका उत्पन्न हो गई कि इराक में हिंसा भड़क सकती है जो पहले से ही राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाये थे ।

उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था। अल-सद्र के समर्थक जुलाई में प्रतिद्वंद्वियों को सरकार बनाने से रोकने के लिए संसद में घुस गए और चार सप्ताह से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। उनके गुट ने संसद से इस्तीफा भी दे दिया है।

यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है। वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। कई लोगों ने अल-सदर के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया। हालांकि कुछ ने यह आशंका जतायी है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है।

सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर सीमेंट के बैरियर को रस्सियों से नीचे गिराया और महल के फाटकों को तोड़ दिया। उनमें से कई महल के सभागार में पहुंच गए। एसोसिएटेड प्रेस के एक फोटोग्राफर ने गोलियां चलने की आवाज सुनी और कई प्रदर्शनकारियों को ले जाते देखा जो खून से लथपथ थे। एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने गोलीबारी में कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की पुष्टि की।

धर्मगुरु अल-सदर ने एक ट्वीट में राजनीति से हटने की घोषणा की और अपने पार्टी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया। धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान खुले रहेंगे। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने मांग की कि अल-सदर अपने समर्थकों से सरकारी संस्थानों से हटने का आह्वान करे। उन्होंने कैबिनेट की बैठकें स्थगित करने की भी घोषणा की।

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