बड़े प्रदूषक देशों के संकल्प से पेरिस समझौते को लेकर उम्मीद बढ़ी

बड़े प्रदूषक देशों के संकल्प से पेरिस समझौते को लेकर उम्मीद बढ़ी

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  • Publish Date - November 19, 2020 / 12:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

बर्लिन, 19 नवंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र की जलवायु प्रमुख पैट्रिसिया एस्पिनोसा ने कहा है कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को खत्म करने के लिए विश्व के कुछ शीर्ष प्रदूषक देशों द्वारा तय की गई समयसीमा और अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित जो. बाइडन द्वारा वाशिंगटन को फिर से पेरिस समझौते से जोड़ने का संकल्प किए जाने के बाद समझौते के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को पूरा करने को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।

पांच साल पहले फ्रांस की राजधानी में हुए समझौते में ग्लोबल वार्मिंग को सदी के अंत तक पूर्व औद्योगिक स्तर की तुलना में दो डिग्री सेल्सियस से कम रखने और आदर्श तौर पर 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक न होने देने का लक्ष्य रखा गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में अभी काफी पीछे है और औसत तापमान में पहले ही एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो चुकी है तथा अगले 30 साल में सशक्त कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

लेकिन सबसे बड़े प्रदूषक चीन द्वारा की गई यह घोषणा उम्मीद की किरण जगाने वाली है कि वह 2060 तक चरणबद्ध तरीके से उत्सर्जन को सीमित करेगा। इसके साथ ही जापान और दक्षिण कोरिया ने भी इससे एक दशक पहले ऐसा करने की घोषणा की है जिससे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अभियान चला रहे लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

इसके साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित बाइडन की इस घोषणा ने भी उम्मीद काफी बढ़ा दी है कि अमेरिका पेरिस समझौते से फिर जुड़ेगा। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था।

एस्पिनोसा ने कहा, ‘‘ये घोषणाएं वास्तव में असाधारण हैं। कुछ महीने पहले, मुझे नहीं लगता कि किसी ने भी वास्तव में सोचा होगा कि हम इस समय ऐसी घोषणाएं देखेंगे, और खासकर महामारी के बीच।’’

एपी नेत्रपाल मनीषा

मनीषा