वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का जल्दी पता लगाने के लिए तरीका विकसित किया

वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का जल्दी पता लगाने के लिए तरीका विकसित किया

वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का जल्दी पता लगाने के लिए तरीका विकसित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: November 3, 2020 3:16 pm IST

लंदन, तीन नवंबर (भाषा) वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में दवाओं के प्रतिरोध का पता लगाने के लिए एक नया और तेज तरीका विकसित किया है। करीब 45 मिनट में पता लगाने वाले इस नए तरीके से डॉक्टरों को सही ढंग से एंटीबायोटिक निर्धारित करने और उनके दुरुपयोग पर रोक लागने में मदद मिल सकती है।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार बैक्टीरिया के नमूनों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध का पता लगाने के लिए मानक विधि एक धीमी प्रक्रिया है जिसमें आमतौर पर 12 से 24 घंटे लगते हैं। अनुसंधानकर्ताओं की टीम में ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि नयी तकनीक का वर्णन ‘‘एसीएस सेंसर्स’’ पत्रिका में किया गया है। इस तकनीक में नैनो-तकनीक का उपयोग किया जाता है और इसमें करीब 45 मिनट में प्रतिरोध का पता लग जाता है।

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उन्होंने कहा कि इस नयी तकनीक से दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के खिलाफ चल रही लड़ाई में मदद मिल सकती है। यह ऐसी समस्या है जिसके बारे में अनुमान है कि 2050 तक इससे हर साल एक करोड़ लोगों की मौत हो सकती है तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर 100 खरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर का भार आ सकता है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि नयी विधि में वैक्टीरिया के एकल जीवाणु कोशिकाओं का पता लगाने के लिए नैनोमैकेनिकल सेंसर और लेजर का उपयोग किया जाता है।

भाषा

अविनाश पवनेश

पवनेश


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