चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा क्षमता मजबूत करने की जरूरत : जरदारी

चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा क्षमता मजबूत करने की जरूरत : जरदारी

चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा क्षमता मजबूत करने की जरूरत : जरदारी
Modified Date: March 10, 2025 / 07:21 pm IST
Published Date: March 10, 2025 7:21 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 10 मार्च (भाषा) पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार को चरमपंथ और आतंकवाद के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ताकत को बढ़ाने पर जोर दिया।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व में विपक्ष के विरोध के बीच दूसरे संसदीय वर्ष की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए जरदारी ने आतंकवाद के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए ‘‘वंचना और असमानता’’ से निपटने को भी कहा।

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जरदारी ने कहा कि अधिकारियों को आतंकवादियों को मिल रहे ‘‘बाहरी समर्थन और वित्तपोषण’’ के बारे में जानकारी है और वे पाकिस्तान को मानवीय और वित्तीय नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने स्थानीय कारकों पर भी ध्यान देने पर जोर दिया।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘साथ ही, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद की जड़ें अभाव और असमानता में हैं, इसलिए हमें आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और रोजगार सृजन करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संसद को चरमपंथी विचारधाराओं और ऐसी हिंसा को समर्थन देने वाले उग्रवाद से निपटने के लिए आम सहमति बनाने में भूमिका निभाने की जरूरत है।’’

जरदारी ने कहा कि वर्तमान आंतरिक और बाह्य सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने तथा आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने सरकार से सुशासन और राजनीतिक आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने का आग्रह किया तथा देश के आर्थिक परिदृश्य में सुधार के लिए उसकी सराहना की।

भाषा धीरज रंजन

रंजन


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