काम में खुशी तलाशने के सात उपाय, इन पर करें अमल तो बन जाएगा आपका दिन

Seven ways to find happiness at work: क्या आपको पता है कि एक व्यक्ति अपने जीवन में औसतन 90,000 घंटे काम करता है, तो बेहतर है कि इसका आनंद उठाया जाए। हालांकि, सवाल यह उठता है कि आप काम करते वक्त खुश रहने और तनाव कम करने के लिए क्या कर सकते हैं?

काम में खुशी तलाशने के सात उपाय, इन पर करें अमल तो बन जाएगा आपका दिन
Modified Date: March 20, 2023 / 11:35 am IST
Published Date: March 19, 2023 4:14 pm IST

Seven ways to find happiness at work: मैनचेस्टर, 19 मार्च (द कन्वरसेशन) हममें से ज्यादातर लोग काम करते हैं, लेकिन यह हमेशा आनंददायक नहीं होता है। चाहे लंबे समय तक चलने वाला काम हो, थका देने वाला काम हो या दिनचर्या से जुड़ा काम हो, कई बार हम सिर्फ करने के लिए काम करते हैं, भले ही हमें वह करना अच्छा न लगता हो।

लेकिन क्या आपको पता है कि एक व्यक्ति अपने जीवन में औसतन 90,000 घंटे काम करता है, तो बेहतर है कि इसका आनंद उठाया जाए। हालांकि, सवाल यह उठता है कि आप काम करते वक्त खुश रहने और तनाव कम करने के लिए क्या कर सकते हैं?

मैं एक सरकारी परियोजना में प्रमुख वैज्ञानिक था। इस परियोजना के तहत टीम ने न्यू इकोनॉमिक्स फाउंडेशन की मदद से कई उपायों की पहचान की, जो तनाव कम करने और खुशी बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। ये सभी उपाय कार्यस्थल पर लागू किए जा सकते हैं। आइए इनके बारे में जानें-

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1) सक्रिय रहें

व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियां आपकी समस्याओं या तनाव को गायब नहीं करतीं, लेकिन ये उनका भावनात्मक असर घटाएंगी और आपके दिमाग को समस्याओं को सुलझाने का मौका देंगी। साथ ही आपको शारीरिक रूप से चुस्त रखेंगी।

2) लोगों से जुड़ें

यदि आप खुशी के पैमानों पर विचार करेंगे, तो दूसरों के साथ बने रिश्तों को इस सूची में सबसे ऊपर पाएंगे।

महामारी के दौरान कई लोगों ने पाया कि सामाजिक संपर्क कम होने के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। निश्चित तौर पर दोस्तों और परिवार का अच्छा नेटवर्क आपके काम की मुश्किलों को कम कर सकता है।

साथ ही अपने सहकर्मियों से रिश्ते बढ़ाना भी काम आता है। कार्यस्थल पर आप जितना अधिक समय रिश्तों में लगाते हैं, काम में उतना ही अधिक आनंद भी महसूस करते हैं।

3) नए कौशल सीखना

‘‘संज्ञानात्मक रूप से सक्रिय’’ रहना आपके मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अहम है और यह आपको करियर में आगे बढ़ने के लिहाज से नए अवसर मुहैया करा सकता है। इसलिए कुछ नया सीखने की कोशिश करते रहिए।

काम के अलावा अन्य चीजें करना भी आपके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यूरोप में ब्रिटेन में काम के घंटे सबसे अधिक हैं, जिसका मतलब है कि हम अक्सर उन चीजों के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, जिन्हें करके हमें खुशी मिलती है। जरूरत से अधिक घंटों तक काम न करें और यह सुनिश्चित करें कि आपको सामाजिक मेलजोल, व्यायाम करने के साथ ही अन्य मजेदार गतिविधियों के लिए समय मिल पाए।

4) वर्तमान में जीना सीखें

अतीत में झांकने के बजाय वर्तमान में जीना सीखें। आप वर्तमान का जितना ज्यादा आनंद उठाएंगे, उससे उतना ही ज्यादा जुड़ा हुआ महसूस करेंगे और उसे लेकर उतने ही अधिक खुश रहेंगे। आपको घंटों बैठकर ध्यान लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

5) सकारात्मक चीजों को पहचानें

वर्तमान में रहने से आपको जीवन में सकारात्मक चीजों को पहचानने में भी मदद मिलती है, जिससे आप इस सोच के साथ आगे बढ़ते हैं कि एक गिलास आधा खाली नहीं, बल्कि आधा भरा हुआ है।

इसे स्वीकार कीजिए कि काम के मामले में या निजी जीवन में कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें आप बदल नहीं सकते। उन चीजों पर ध्यान लगाइए, जिन पर आपका नियंत्रण है।

6) अस्वस्थ आदतों से दूर रहें

काम के तनाव से निपटने के लिए अत्यधिक शराब या कॉफी पीने या धूम्रपान करने से अंतत: आपकी खुशी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

7) होशियारी से काम करें

काम के दौरान प्राथमिकता के अनुसार काम करेंगे, तो आपके पास अन्य चीजों का आनंद उठाने के लिए अधिक वक्त होगा।

आप अपने कामकाजी जीवन में जितना संतुलन बनाते हैं, उतना ही अपने काम से अधिक खुश रह सकेंगे। ब्रिटेन में सभी दीर्घकालीन बीमारियों में तनाव संबंधित बीमारियों का अनुपात 60 प्रतिशत है, जिसे देखते हुए यह जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य को अधिक अहमियत दें और जितना संभव हो, कार्यस्थल पर तनाव को कम करने की कोशिश करें।

(कैरी कूपर, प्रोफेसर ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी एंड हेल्थ, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय)

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com